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वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 के टेक्निकल सेशन में मिल्लेट्स ऑफ़ झारखण्ड-अनलॉकिंग द ग्रोथ पोटेंशियल पर हुई परिचर्चा

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New Delhi News: देश का सबसे बड़ा फूड एक्सपो वर्ल्ड फूड इंडिया दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया जा रहा है। इसमें झारखण्ड सहभागी राज्य है। उद्योग विभाग द्वारा झारखण्ड पवेलियन बनाया गया है, जहां के स्टाॅल में झारखण्ड में उत्पादित फ़ूड प्रोडक्ट प्रदर्शित सह बिक्री की जा रही है। 

मिल्लेट्स फूड उत्पादन में अग्रणी रहा है झारखंड

झारखण्ड प्रदेश मिल्लेट्स फूड उत्पादन में अग्रणी प्रदेश रहा है। इसी को आलोक में रखते हुए उद्योग विभाग झारखण्ड द्वारा आज भारत मंडपम में एक टेक्निकल नॉलेज सेशन का आयोजन किया गया। सेशन का केन्द्र टैपिंग द अनटेप्ड फूड प्रोसेसिंग ऑपेरच्युनिटी और अंतः क्षेप मिल्लेट्स ऑफ़ झारखण्ड- अनलॉकिंग द ग्रोथ पोटेंशियल था। पैनेलिस्ट उद्योग सचिव, झारखंड सरकार जीतेन्द्र कुमार सिंह, सचिव एग्रीकल्चर, एनिमल हस्बेंडरी एंड कॉपरेटिव, झारखण्ड सरकार डॉ. अबूबकर सिद्दीकी, निदेशक उद्योग सुशांत गौरव, असिस्टेंट प्रोफेशर बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी प्रोफेसर अरुण कुमार, अरुणा तिर्की फाउंडर एंड मैनेजिंग डायरेक्टर अजाम अम्बा प्राइवेट लिमिटेड और मनीष पियूष को-फाउंडर पुरेश डेरी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड और मध्यस्थता श्री हिमांशु रतन (पार्टनर फ़ूड, अग्रि एंड अलाइड सर्विसेज के पि एम् जी इंडिया सर्विसेज ने मिल्लेट्स के उत्पादन, अर्थव्यवस्था में भागीदारी, नवीनीकरण, उसकी प्रोसेसिंग में उद्योग विभाग की भूमिका और नए उद्यमियों के लिए सम्भावित स्थिति पर अपने अपने विचार साझा किये।

झारखण्ड पवेलियन में प्रदर्शनी, बिक्री के साथ साथ कई निवेशक भी ले रहे हैं हिस्सा

सेशन में कई कम्पनी के सीईओ, कम्पनी के प्रतिनिधि और अन्य लोगों ने भाग लिया। सेशन में लोगों के प्रश्नों के उत्तर भी बताये गये। झारखण्ड पवेलियन में प्रदर्शनी, बिक्री के साथ-साथ कई निवेशक भी आ रहे हैं। इसमें आज विस्टा फूड्स, अमूल, फ़ूड चैन आई डी, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, गुजरात सरकार और कई अन्य कंपनी ने झारखण्ड में निवेश करने में रूचि जतायी।

झारखण्ड उद्योग विभाग ने हाल ही में फ़ूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए झारखण्ड फ़ूड एंड फीड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री पॉलिसी 2024 लांच की है। इसके अंतर्गत फूड पोसेसिंग इकाई की स्थापना में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अनुवृत्ति राशि, मशीनरी के लिए अनुवृत्ति राशि, जियाड़ा की भूमि पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट, और मार्किट डेवलपमेंट के लिए सहायता आदि पर भी परिचर्चा हुई।

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