News Delhi news : महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। प्रमुख राजनीतिक पार्टियां जमकर प्रचार अभियान में जुटी हैं। इसी बीच चुनाव आयोग ने केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल कांग्रेस को नोटिस भेजा है। यह नोटिस चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह और राहुल गांधी के भाषणों को लेकर दिया गया है। दोनों नेताओं पर अपने भाषणों में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा है। आयोग ने नोटिस जारी करते हुए दोनों पार्टियों से सोमवार तक जवाब मांगा है। चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में अमित शाह और राहुल गांधी का नाम नहीं लिया है, जैसा कि आमतौर पर होता है। हालांकि, पार्टी को अपने स्टार प्रचारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
भाजपा ने राहुल गांधी के 6 नवंबर को मुंबई में दिए गए एक भाषण पर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। वहीं कांग्रेस ने अमित शाह के 12 नवंबर को धनबाद रैली में दिए गए भाषण पर आपत्ति जताई थी। बीजेपी ने राहुल गांधी पर झूठे, निराधार, असत्यापित और आधारहीन टिप्पणी करने का आरोप लगाया। वहीं कांग्रेस ने अमित शाह पर झूठे, भ्रामक, द्वेषपूर्ण और अपमानजनक कमेंट का आरोप लगाया। कांग्रेस का यह भी आरोप है कि अमित शाह ने धर्म और जाति के आधार पर मतदाताओं को भड़काने वाले बयान दिए हैं।
चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों को भेजे गए नोटिस में 22 मई, 2024 को जारी की गई अपनी एडवाइजरी की याद दिलाई है। आयोग ने उस समय बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से कहा था कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके स्टार प्रचारक राजनीतिक भाषणों के उच्च मानकों का पालन करें और आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का अक्षरशः पालन करें।
भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने 13 नवंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान से 48 घंटे पहले 12 नवंबर को अपना घोषणापत्र जारी करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले में चुनाव आयोग को एक रिपोर्ट भेजी है।
कांग्रेस ने अमित शाह के भाषण पर उठाए थे।
चुनाव आयोग ने अमित शाह और राहुल गांधी के खिलाफ मिली शिकायत पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के अध्यक्ष को नोटिस भेजा है। उनसे 18 नवंबर की दोपहर तक इन नोटिस का जवाब मांगा है। चुनाव आयोग ने इन नोटिस में अमित शाह या राहुल गांधी का नाम नहीं लिया है, जैसा कि आमतौर पर होता है।