Dharm adhyatm, Dharma-Karma, Dharm, Spirituality, Astrology, Dharm- adhyatm, dharm adhyatm, religious, Govardhan puja, Govardhan puja ki mahtta : सनातन धर्म में सभी त्योहारो का अपना -अपना अलग महत्व और खासियत है। दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का महत्व बताया जाता है। देशभर में इसे भी काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। साल 2023 में गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को मनाया जा रहा है। इस दिन संध्या काल में घर के आंगन में गाय के गोबर से गिरिराज पर्वत बनाया जाता है।इसके बाद उनकी पूजा की जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति को जीवन में किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गोवर्धन पूजा के बाद यदि श्री गिरिराज चालीसा का पाठ किया जाए, तो व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आगे आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं गिरिराज चालीसा। इसे जरूर पढ़ना चाहिए।
करि प्रणाम निज लोक सिधाये ।।
जो यह कथा सुनें, चित लावें ।
अन्त समय सुरपति पद पावें ।।
गोवर्धन है नाम तिहारौ ।
करते भक्तन कौ निस्तारौ ।।
जो नर तुम्हरे दर्शन पावें ।
तिनके दु:ख दूर ह्वै जावें ।।
कुण्डन में जो करें आचमन ।
धन्य-धन्य वह मानव जीवन ।।
मानसी गंगा में जो नहावें ।
सीधे स्वर्ग लोक कूं जावें ।।
दूध चढ़ा जो भोग लगावें ।
आधि व्याधि तेहि पास न आवें ।।
जल, फल, तुलसी-पत्र चढ़ावें ।
मनवांछित फल निश्चय पावें ।।
जो नर देत दूध की धारा ।
भरौ रहै ताकौ भंडारा ।।
करें जागरण जो नर कोई ।
दु:ख-दारिद्रय-भय ताहि न होई ।।
श्याम शिलामय निज जन त्राता ।
भुक्ति-मुक्ति सरबस के दाता ।।
पुत्रहीन जो तुमकूं ध्यावै ।
ताकूं पुत्र-प्राप्ति ह्वै जावै ।।
दंडौती परिकम्मा करहीं ।
ते सहजही भवसागर तरहीं ।।
कलि में तुम सम देव न दूजा ।
सुर नर मुनि सब करते पूजा ।।
।।दोहा।।
जो यह चालीसा पढ़े, सुनें शुद्ध चित्त लाय ।
सत्य सत्य यह सत्य है, गिरवर करें सहाय ।।
क्षमा करहुँ अपराध मम, त्राहिमाम गिरिराज ।
देवकीनन्दन शरण में, गोवर्धन महाराज ।।
।। श्री गिरिराज चालीसा सम्पूर्ण ।।