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क्या अपनी सरकार और फौज से निपटने में भारत की मदद चाहते हैं इमरान खान ?

क्या अपनी सरकार और फौज से निपटने में भारत की मदद चाहते हैं इमरान खान ?

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New Delhi news : पाकिस्तान में फिलहाल जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री व पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सुप्रीमो इमरान खान की मौजूदा सरकार और सेना के साथ जोर आजमाइश जारी है। पीएम शाहबाज शरीफ की सरकार जहां 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन की तैयारियों में जुटी है, वहीं इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) इस आयोजन में अड़ंगा लगाने के लिए कमर कस चुकी है। पीटीआई ने राजधानी इस्लामाबाद में जल्द ही बड़ा धरना करने का एलान कर दिया है। इस स्थिति को संभालने के लिए शाहबाज शरीफ की सरकार ने इस्लामाबाद में सेना उतार दी है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान जाने वाले भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पार्टी के धरने में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने का एलान किया है। सवाल है कि क्या भारत के खिलाफ अनापशनाप बयानबाजी करने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हिटलर बताने वाले इमरान खान अब अपनी सरकार और सर्वशक्तिमान सेना से निपटने के लिए भारत की मदद चाहते हैं ? कूटनीतिक हलकों में इस घटनाक्रम को हैरत की नजर से देखा जा रहा है। सवाल यह भी है कि क्या विदेश मंत्री एस. जयशंकर पीटीआई का न्योता कबूल करेंगे और क्या शाहबाज शरीफ की सरकार इसकी इजाजत देगी ?

खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को इस्लामाबाद में पार्टी के प्रस्तावित धरने में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने का फैसला किया है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा में पीटीआई सरकार के सूचना सलाहकार बैरिस्टर अली सैफ ने भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर से विरोध प्रदर्शन को संबोधित करने के लिए अपील की है। इस बीच पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में सेना की तैनाती कर दी गई है। डॉ. एस. जयशंकर आगामी शंघाई सहयोग शिखर सम्मेलन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए 15-16 अक्टूबर को पाकिस्तान की यात्रा करने वाले हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस शिखर सम्मेलन के लिए पूरी तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी तरफ पीटीआई राजधानी के डी-चौक पर बड़ा धरना आयोजित करने जा रही है। इसे लेकर पीटीआई और इस्लाबाद पुलिस के बीच झड़प भी हो चुकी है।

एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल से बात करते हुए बैरिस्टर अली सैफ ने कहा, हम जयशंकर साहब को भी दावत देते हैं कि वो हमारे विरोध प्रदर्शन में आएं और हमारे लोगों को एड्रेस करें। सैफ ने कहा कि पीटीआई को संविधान के तहत विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है। सैफ ने यह भी कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और पाकिस्तान की संघीय सरकार उसे यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन करने की भी अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि पीटीआई भारतीय विदेश मंत्री को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने और इसे संबोधित करने के लिए आमंत्रित करेगी। इस बीच पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की सुरक्षा की कमान पुलिस से हटाकर सेना के हाथ में चली गई है। राजधानी में पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के बाद पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी सेना को सौंप दी दी है। पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से खबरों में बताया गया है कि इस्लामाबाद और आसपास के इलाकों में सेना की टुकड़ियां तैनात हैं। सोशल मीडिया पर भी वीडियो सामने आए हैं जिनमें पाकिस्तानी सैनिक राजधानी में गश्त करते दिखाई दे रहे हैं। बताया गया है कि आगामी एससीओ सम्मेलन को लेकर ये फैसला किया गया है।

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