Ranchi news : झारखंड के राज्यपाल-सह-रांची विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित नहीं है, बल्कि यह चरित्र निर्माण, नैतिकता और समाज के प्रति संवेदनशीलता की सीख देती है। राज्यपाल शुक्रवार को रांची विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने उपाधि प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
उन्होंने विद्यार्थियों से नवाचार, शोध और व्यावहारिक ज्ञान पर ध्यान केन्द्रित करने का आह्वान किया।
उन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त करनेवालीं बेटियों की सराहना करते हुए कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान ने बेटियों के लिए शिक्षा और आत्मनिर्भरता के नये द्वार खोले हैं।
राज्यपाल ने झारखंड के प्राकृतिक संसाधनों के सतत विकास की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि रांची विश्वविद्यालय को जनजातीय समाज, पर्यावरण, जैव विविधता और पारम्परिक चिकित्सा जैसे विषयों पर अनुसंधान को बढ़ावा देना चाहिए।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘न्यू इंडिया’ और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की दिशा में हो रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने युवाओं से ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने में अपना योगदान देने की अपील की। उन्होंने झारखंड के स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा, सिद्ध-कान्हू, फूलो-झानो, नीलाम्बर-पीताम्बर जैसे वीरों के संघर्ष केवल इतिहास नहीं, बल्कि प्रेरणा के स्रोत हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे इतिहास में कई महान विभूतियां हैं, जिन्होंने संघर्षों के बीच मार्ग प्रशस्त किया। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा ने अन्याय के खिलाफ विद्रोह किया। स्वामी विवेकानंद ने आत्मनिर्भरता और राष्ट्रसेवा का संदेश दिया। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने संघर्षों के बीच भी सपनों को साकार किया। इनसे हमें सीखना होगा। इन विभूतियों के जीवन में केवल संघर्ष ही नहीं, बल्कि दूरदृष्टि और आत्मशक्ति का अद्भुत समन्वय भी था। हमें उनके आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि जीवन में चुनौतियां आयेंगी। असफलता भी मिलेगी, लेकिन जो गिर कर उठता है, वही विजयी होता है।
इस दीक्षांत समारोह में 4410 छात्रों को डिग्री दी गयी। इनमें 3291 छात्राएं और 1119 छात्र शामिल हैं। वहीं, समारोह में 63 गोल्ड मेडल बांटे गये, जिनमें 48 छात्राओं और 15 छात्र शामिल हैं। डिग्री प्राप्त करनेवाले छात्र-छात्राएं ड्रेस कोड में उपस्थित थे। लड़कों का पहनावा सफेद पायजामा, धोती-कुर्ता और लड़कियों का परिधान लाल पाड़ की सफेद साड़ी-लाल ब्लाउज या सफेद सलवार-कुर्ता और लाल दुपट्टा था।