New Delhi news : भारत के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के रूप में कार्यभार सम्भालने के एक महीने से भी कम समय में ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ ईसीआई ने बीएलओ स्तर तक पूरी चुनाव मशीनरी को सभी मतदाताओं की भागीदारी को बढ़ावा देने और मतदान केन्द्रों पर उनके लिए सुखद अनुभव सुनिश्चित करने के लिए मजबूती से काम पर लगा दिया है। प्रमुख हितधारक होने के नाते राजनीतिक दल भी जमीनी स्तर पर शामिल हो रहे हैं।
आयोग ने पुनः पुष्टि की है कि लगभग 100 करोड़ मतदाता सदैव लोकतंत्र के स्तम्भ के रूप में खड़े हैं। यूआईडीएआई और ईसीआई के विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श शीघ्र ही शुरू होनेवाला है। हालांकि, एक मतदाता केवल निर्धारित मतदान केन्द्र पर ही मतदान कर सकता है, अन्यत्र कहीं नहीं। आयोग ने ईपीआईसी संख्याओं में देशभर से डुप्लिकेट को हटाने और दशकों पुराने मुद्दे को 03 महीने के भीतर समाप्त करने का संकल्प लिया है। जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिकारियों के साथ निकट समन्वय में मतदाता सूची के नियमित अद्यतन को मजबूत किया जायेगा। राजनीतिक दलों के साथ आयोग की बातचीत में यह स्पष्ट किया गया कि मसौदा मतदाता सूची में कोई भी समावेशन या विलोपन, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 में सभी राजनीतिक दलों के लिए उपलब्ध दावों और आपत्तियों को दर्ज करने के लिए प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों के तहत अपील की प्रक्रिया द्वारा शासित होता है। स्मरणीय है कि भारतीय निर्वाचन आयोग ने 07 मार्च, 2025 को स्पष्ट किया था कि 6-10 जनवरी, 2025 तक विशेष सारांश पुनरीक्षण (एसएसआर) प्रक्रिया पूरी होने के बाद मात्र 89 प्रथम अपीलें और एकमात्र द्वितीय अपील दायर की गयी थी।
सभी पात्र नागरिकों का 100% नामांकन सुनिश्चित करना, मतदान में आसानी सुनिश्चित करना और सुखद मतदान अनुभव सुनिश्चित करना ईसीआई के प्रमुख उद्देश्य हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाये जायेंगे कि किसी भी मतदान केन्द्र पर 1,200 से अधिक मतदाता न हों और वे मतदाताओं के 02 किलोमीटर के दायरे में हों। यहां तक कि सबसे दूर-दराज के ग्रामीण मतदान केन्द्रों में भी बुनियादी सुविधाएं (एएमएफ) सुनिश्चित की जायेंगी। शहरी उदासीनता से निपटना और मतदाताओं को प्रोत्साहित करना अधिक भागीदारी के लिए, ऊंची इमारतों और कॉलोनियों के समूहों में भी उनके परिसर में मतदान केन्द्र होंगे।
लगभग 01 करोड़ चुनाव कर्मियों के व्यापक और निरन्तर क्षमता निर्माण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, 04 और 05 मार्च को नयी दिल्ली में IIIDEM में सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के सीईओ का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें पहली बार प्रत्येक राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के डीईओ और ईआरओ ने भाग लिया। सम्मेलन ने संविधान द्वारा निर्धारित ढांचे, चुनावी कानूनों और ईसीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार 28 हितधारकों की स्पष्ट मैपिंग के साथ-साथ उनकी जिम्मेदारियों के साथ पूरे चुनाव तंत्र को सक्रिय करने पर जोर दिया। निर्देशों के लिए चुनावी पुस्तिकाएं और मैनुअल सबसे हालिया बदलावों के साथ सुसंगत होंगे। फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के आसान अवशोषण और प्रभावी प्रशिक्षण के लिए कई भारतीय भाषाओं में डिजिटल प्रशिक्षण किट तैयार किये जायेंगे।
चुनाव प्रक्रियाओं के सभी पहलुओं में राजनीतिक दलों की पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, 04 मार्च को सीईओ सम्मेलन के दौरान सीईसी ज्ञानेश कुमार ने निर्देश दिये थे कि सभी 36 सीईओ, 788 डीईओ, 4123 ईआरओ द्वारा नियमित रूप से सर्वदलीय बैठकें और बातचीत आयोजित की जाये। देशभर में ऐसी बैठकें राजनीतिक दलों द्वारा जमीनी स्तर पर उठाये गये किसी भी लम्बित और उभरते मुद्दों को हल करने में मदद करेंगी। यह प्रक्रिया 31 मार्च, 2025 तक पूरे भारत में पूरी हो जायेगी। मतदाता सूची में दावों और आपत्तियों सहित चुनावी कानूनों के अनुसार नियत प्रक्रियाओं पर राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों और उनके नियुक्त बीएलए को प्रशिक्षित करने के आयोग के प्रस्ताव का राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है। ईसीआई ने सभी राजनीतिक दलों से चुनावों के संचालन से सम्बन्धित किसी भी और सभी मामलों पर सुझाव भी आमंत्रित किये हैं और वे इन्हें 30 अप्रैल, 2025 तक भेज सकते हैं। यह साहसिक और दूरगामी पहल चुनावों के सम्पूर्ण दायरे को कवर करती है तथा सभी प्रमुख हितधारकों को सहभागी तरीके से शामिल करती है।
पिछले एक महीने के दौरान अनेक कदम उठाये गये
लगभग 01 करोड़ चुनाव अधिकारियों की निरन्तर क्षमता वृद्धि के लिए डिजिटल प्रशिक्षण की योजना बनायी गयी
ईआरओ, डीईओ और सीईओ स्तर पर चुनाव अधिकारियों के साथ लगभग 5000 सर्वदलीय बैठकों के माध्यम से राजनीतिक दलों की भागीदारी
आपत्तियों और अपीलों का कानूनी ढांचा प्रविष्टियों में सुधार और मतदाता सूची में नाम शामिल करने का करता है मार्गदर्शन
अब तक मात्र 89 प्रथम अपीलें तथा मात्र 01 द्वितीय अपील दायर की गयी