New Delhi news : केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड आथराइजेशन सेंटर (इन-स्पेस) के तत्वावधान में अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए 1,000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना को मंजूरी दी। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र सुधारों के तहत अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने और निगरानी के लिए इन-स्पेस की स्थापना की। इन-स्पेस ने भारत की अंतरिक्ष, अर्थव्यवस्था के विकास का समर्थन करने के लिए 1000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड का प्रस्ताव दिया, जिसका मूल्य वर्तमान में 8.4 बिलियन डॉलर है, इसे 2033 तक 44 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य है।
सरकार समर्थित फंड निवेशकों का विश्वास बढ़ायेगा, निजी पूंजी को आकर्षित करेगा और अंतरिक्ष सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के रूप में काम करेगा। यह सेबी नियमों के तहत एक वैकल्पिक निवेश कोष के रूप में काम करेगा, जो स्टार्टअप्स को प्रारंभिक चरण की इक्विटी प्रदान करेगा और उन्हें आगे निजी इक्विटी निवेश के लिए सक्षम करेगा।
इन स्पेस का उद्देश्य अपस्ट्रीम, मिडस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम में स्टार्टअप का समर्थन कर भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देना है। इससे व्यवसायों के विस्तार, अनुसंधान एवं विकास में निवेश और कार्यबल के विस्तार में मदद मिलेगी। प्रत्येक निवेश इंजीनियरिंग, सॉफ्टवेयर विकास, डेटा विश्लेषण और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में सैकड़ों प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा कर सकता है। साथ ही, आपूर्ति श्रृंखला, लॉजिस्टिक्स और पेशेवर सेवाओं में हजारों अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा कर सकता है। इससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और अंतरिक्ष बाजार में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देगा।
अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए 1,000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना को भी मंजूरी
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