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विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया, भारत-चीन सीमा पर इन दो वजहों से हुआ समझौता, आप भी जानिए

विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया, भारत-चीन सीमा पर इन दो वजहों से हुआ समझौता, आप भी जानिए

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Pune news : भारत-चीन के बीच एलएसी पर पेट्रोलिंग को लेकर समझौते पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार का अपनी बात पर अड़े रहना काम कर गया। आज हम जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, उसके दो कारण हैं।

पहला- हम अपनी बात से पीछे नहीं हटे। यह केवल इसलिए संभव हो सका, क्योंकि सेना देश की रक्षा के लिए हर मौके पर डटी रही। सेना ने अपना काम किया और दूसरी तरफ कूटनीति ने अपना काम किया। इसके अलावा पिछले एक दशक में हमने अपने बुनियादी ढांचे में भी सुधार किया है। मुझे लगता है कि इन दो कारणों के चलते भारत-चीन सीमा विवाद पर पेट्रोलिंग का मुद्दा हल हो सका है। जयशंकर ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी की मुलाकात हुई, तो यह निर्णय लिया गया कि विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एक मसले को हल करने की कोशिश करेंगे और यह हुआ भी।

पूर्वी लद्दाख सीमा पर दोनों देशों में एक समझौता हुआ

भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ है। दोनों सेनाएं सीमा से पीछे हटेंगी। 18 अक्टूबर को देपसांग और डेमचोक से पीछे हटने की जानकारी सामने आई थी। इसमें बताया गया था कि यहां से दोनों सेनाएं अप्रैल 2020 से पहली की स्थिति में वापस लौटेंगी। साथ ही उन्हीं क्षेत्रों में गश्त करेंगी, जहां अप्रैल 2020 से पहले किया करती थीं। इसके अलावा कमांडर लेवल मीटिंग होती रहेगी

2020 में भारत-चीन के सैनिकों में गलवान झड़प के बाद से देपसांग और डेमचोक में तनाव बना हुआ था

2020 में भारत-चीन के सैनिकों के बीच गलवान झड़प के बाद से देपसांग और डेमचोक में तनाव बना हुआ था। करीब 4 साल बाद 21 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच नया पेट्रोलिंग समझौता हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया था कि इसका मकसद लद्दाख में गलवान जैसी झड़प रोकना और पहले जैसे हालात बनाना है।

समझौते के अनुसार, भारत और चीन की सेनाएं बीते शुक्रवार से पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग पॉइंट में दोनों सेनाओं ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटा लिए हैं। गाड़ियां और मिलिट्री उपकरण भी पीछे ले जाए जा रहे हैं। आर्मी के सूत्रों के मुताबिक, 28 और 29 अक्टूबर तक दोनों देश देपसांग और डेमचोक से अपनी- अपनी सेनाएं पूरी तरह हटा लेंगे। पेट्रोलिंग के लिए सीमित सैनिकों की संख्या तय की गई है। ये संख्या कितनी है, इसकी अभी जानकारी सामने नहीं आई है।

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