पिछले 15 साल में यूपी की यह सबसे बड़ी मुठभेड़, कग्गा गिरोह का गुर्गा अरशद मुकीम भी मारा गया
Lucknow news, UP news : यूपी के शामली जिले में करनाल (हरियाणा) बॉर्डर पर आधी रात एनकाउंटर में चार बदमाश ढेर कर दिये गये। एसटीएफ की इस कार्रवाई में एक लाख का इनामी और मुस्तफा कग्गा गैंग का कुख्यात बदमाश अरशद और उसके तीन साथी मंजीत, सतीश और एक अज्ञात भी एनकाउंटर में मारे गए।
सोमवार देर रात लगभग दो बजे एसटीएफ ने मुखबिर की सूचना पर कार से जा रहे चार बदलाशों को घेर लिया, बदमाशों ने फायरिंग शुरु कर दी। जवाब में एसटीएफ ने भी फायरिंग की। दोनों तरफ से 30 राउण्ड फायरिंग हुई। 40 मिनट तक मुठभेड़ चली। इस दौरान एसटीएफ टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर सुनील के पेट में तीन गोलियां लगीं। इसके बाद एसटीएफ ने एक लाख रुपये के इनामी अरशद समेत चारों बदमाशों को ढेर कर दिया। एफसटीएफ बदमाशों और इंस्पेक्टर को करनाल के अमृतधारा अस्पताल ले गयी, जहां डाक्टरों ने चारों बदमाशों को मृत घोषित कर दिया। वहीं इंस्पेक्टर की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल रेफर कर दिया गया।
ब्रेजा कार, दो पिस्तौल, कार्बाइन और तीन बंदूकें बरामद
बदमाशों के पास से एक ब्रेजा कार, दो पिस्तौल, एक कार्बाइन और तीन बंदूकें बरामद हुई हैं। अरशद मुकीम काला गिरोह का सक्रिय सदस्य था। उस पर 16 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से पांच हत्या के हैं। जून 2024 में वह रिहा हुआ था और फिर अपराध में सक्रिय हो गया। उसने खुद अपना गिरोह बनाया और लगातार हरियाणा व उत्तर प्रदेश के आसपास के इलाकों में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा था।
मुठभेड़ हरियाणा बार्डर स्थित थाना झिंझाना क्षेत्र में हुई। चारों बदमाश मुस्तफा गैंग के थे। पुलिस अफसरों ने बताया कि पिछले 15 साल में यूपी की यह सबसे बड़ी मुठभेड़ है। इससे पहले वर्ष 2004 में जौनपुर में बावरिया गिरोह के आठ बदमाश मुठभेड़ में मारे गये थे। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक टीम को मुखबिर से अरशद की लोकेशन मिली थी। इसके बाद 12 पुलिसकर्मियों की टीम ने बदमाशों की कार का पीछा किया। टीम ने बदमाशों की कार को ओवरटेक कर घेर लिया। बदमाश एसटीएफ को देखते ही अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। इसके बाद एसटीएफ की टीम ने फायरिंग की। तीन बदमाश कार में ही मारे गये, जबकि एक को कुछ दूरी पर मार गिराया गया। अरशद के संग मारा गया मनजीत 20 साल का सजायाफ़्ता मुजरिम था और पैरोल जंप कर अपराध में सक्रिय था।
शामली के झिनझिना इलाके में हुई मुठभेड़
एसटीएफ की मेरठ यूनिट और शामली पुलिस से बदमाशों की शामली के झिनझिना इलाके में हुई मुठभेड़। एनकाउंटर में एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार को भी गोलियां लगी हैं, सुनील को इलाज के लिए मेदांता गुरुग्राम में भर्ती कराया गया है। एक लाख के इनामी अरशद के खिलाफ लूट, डकैती व हत्या के एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। एसटीएफ टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर सुनील के पेट मे दो गोली लगीं हैं। उन्हें करनाल के अमृतधारा अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी गंभीर हालत देखते हुए डॉक्टरों ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल रेफर कर दिया है।
मारे गए बदमाशों में अरशद बाढ़ी माजरा, थाना गंगोह, सहारनपुर का निवासी था जबकि मंजीत रोहट, थाना खरखौदा, सोनीपत, हरियाणा और सतीश अशोक विहार, थाना मधुबन, करनाल का था। एनकाउंटर में ढेर चौथे बदमाश की अभी तक शिनाख्त नही हो पाई है।
इंस्पेक्टर सुनील की हालत नाजुक
एसटीएफ एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर सुनील की हालत नाजुक है।सुनील कुमार मेरठ के मसूरी गांव के रहने वाले हैं। करनाम एसपी गंगाराम पुलिस ने भी इंस्पेक्टर के साथ जिला पुलिस की टीम गुरुग्राम भेजी है।
अरशद के खिलाफ लूट, डकैती, हत्या के 17 मुकदमे दर्ज हैं। सबसे पहला मुकदमा वर्ष 2011 में डकैती का दर्ज हुआ था। इसके बाद सहारनपुर के रामपुर मनिहारन थाना क्षेत्र में हत्या को उसने अंजाम दिया। 29 नवम्बर 2024 को बेहट में भारत फाइनेंस कम्पनी में छह-सात बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया था। इसमें अरशद भी शामिल था। मंजीत दहिया ने 2021 में हत्या की थी। हत्या के मुकदमे में उसे कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनायी थी। पांच महीने पहले वह 40 दिन की पेरोल पर जेल से आया था। इसके बाद वह वापस नहीं गया, तभी से पुलिस उसे तलाश रही थी। बदमाश सतीश सोनीपत जिले के शेखपुरा गांव का रहने वाला था। वर्ष 2015 से वह करनाल के मधुबन में रह रहा था। उसके पिता राज सिंह हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे। उनकी वर्ष 2017 में बीमारी के कारण मौत हो गयी थी। सतीश का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। सूत्रों के मुताबक वह पुलिस का मुखबिर था।