New Delhi news : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के करोड़ों सदस्यों के लिए खुशखबरी है। ईपीएफओ के सदस्यों को अब नौकरी बदलने के बाद फंड ट्रांसफर और अन्य करेक्शन के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। सिर्फ एक ओटीपी के जरिये ये सभी काम घर बैठे किये जा सकते हैं। इससे ईपीएफओ ऑफिसों का भार भी काफी कम हो जाएगा, क्योंकि अभी वहां लंबी-लंबी कतारें नजर आती हैं। आमतौर पर लोग यहां फंड ट्रांसफर या नाम, पिता के नाम या जन्म तिथि में बदलाव के लिए आते हैं।
नए नियम के मुताबिक, ईपीएफओ के सदस्य अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम आदि में सुधार आसानी से कर सकेंगे। यह जानकारी शनिवार को केंद्रीय मंत्री द्वारा दी गई। सरकार द्वारा ईपीएफओ में रिफॉर्म लागू किए गए हैं, जिसके बाद आसानी से ईपीएफओ के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जाकर सदस्य अपनी व्यक्तिगत जानकारी में स्वयं ही बदलाव कर पाएंगे।
पहले लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था
सदस्यों को जानकारी में बदलाव के लिए पहले एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री, मनसुख मांडविया ने बताया, ‘ईपीएफओ के 10 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी हैं, जब भी किसी सदस्य को ईपीएफओ के पास मौजूद अपनी जानकारी में कोई बदलाव करवाना होता था, तो उसे लंबे प्रोसेस से गुजरना होता था, लेकिन अब ईपीएफओ में रिफॉर्म लागू कर दिया है। इसके बाद सदस्य आसानी से बिना किसी बाहरी सहायता के स्वयं ही अपनी जानकारी में बदलाव कर पाएंगे। ‘
करीब आठ लाख शिकायतें आई हुई हैं
ईपीएफओ के पास नाम और अन्य जानकारियों में बदलाव से जुड़ी हुई करीब आठ लाख शिकायतें आई हुई हैं। इस बदलाव से इन सभी शिकायतों का जल्द समाधान हो सकेगा। इसके अतिरिक्त केंद्रीय मंत्री ने बताया, ‘सरकार ने ईपीएफओ अकाउंट ट्रांसफर को सरल बनाने के लिए भी रिफॉर्म लागू किया है। अब आसानी से सदस्य एक ओटीपी के माध्यम से ईपीएफओ अकाउंट को एक संस्था से दूसरी संस्था में ट्रांसफर कर पाएंगे। इसके लिए पहले प्रोसेस काफी लंबा था।’
इस महीने की शुरुआत में ईपीएफओ ने बताया था कि देशभर में अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट्स सिस्टम (सीपीपीएस) का रोलआउट पूरा कर लिया है। इससे 68 लाख से अधिक पेंशन पाने वालों को लाभ मिलेगा। इस नए सिस्टम के साथ लाभार्थियों को सुविधा मिलेगी कि वे किसी भी बैंक से पेंशन निकाल सकेंगे। साथ ही पेंशन शुरू होने के समय वेरिफिकेशन के लिए लाभार्थी को बैंक जाने की जरूरत नहीं होगी। यह कदम उन पेंशनभोगियों के लिए राहत भरा होगा, जो रिटायरमेंट के बाद अपने होमटाउन चले जाते हैं और वहीं, आगे का जीवन गुजर-बसर करते हैं।