Ranchi news, jyotish news, holashtak : बस चंद दिनों में होली आने वाली है। हालांकि होली का माहौल अभी से मौसम बनाने लगा है। लोक रंग का पर्व है होली। यह खुशी और उल्लास का पर्व है। देश के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है,ज्ञजो हमारी सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। होली फाल्गुन महीने में पूर्णिमा या पूर्ण चंद्र दिवस की शाम से शुरू होती है। देश के विभिन्न हिस्सों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। कहीं इसे होली, तो कहीं फगुआ या फाग और होरी भी कहा जाता है। आज हम आपको होली और प्लास्टिक के रिश्ते के बारे में बताने जा रहे हैं।
अभी आप होलाष्टक पीरियड में हैं
होली के आठ दिन पहले से होलाष्टक शुरू जाता है। होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। होलाष्टक को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना जाता है। होलाष्टक के दौरान सभी ग्रह क्रूर अवस्था में होते हैं। इसलिए किसी भी शुभ कार्य की मनाही होती है। इस बार होलाष्टक 7 मार्च 2025 से शुरू हो चुका।
13 मार्च को होगी समाप्ति
इस साल के ज्योतिषीय गणना के अनुसार,13 मार्च को होलिका दहन के साथ होलाष्टक खत्म होगा। इससे अगले दिन यानी 14 मार्च को रंग वाली होली मनाई जाएगी। होलाष्टक के आठ दिन अलग अलग ग्रह क्रूर अवस्था में रहते हैं। अष्टमी तिथि के दिन चंद्रमा, नवमी तिथि के दिन सूर्य देव, दशमी तिथि के दिन शनि महाराज, एकादशी तिथि के दिन शुक्र देव, द्वादशी तिथि के दिन देवगुरु बृहस्पति, त्रयोदशी तिथि के दिन बुध, चतुर्दशी तिथि पर मंगल और पूर्णिमा पर राहु क्रूर हो जाते हैं। इन 8 दिनों में कोई भी नई वस्तु की खरीदारी भी करनी चाहिए।
हनुमान जी की कीजिए विशेष पूजा
ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि होलाष्टक के दौरान भगवान विष्णु, नरसिंह भगवान और हनुमानजी की विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए। इन आठों दिनों तक महामृत्युंजय मंत्र का जप भी करना चाहिए। होलाष्टक के दौरान शादी, मुंडन, ग्रह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों को नहीं करना चाहिए। इस दौरान कोई भी दुकान, प्लॉट आदि संपत्ति की खरीदारी नहीं करनी चाहिए।