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होली आई, होली चली गई, अब क्या आप जानते हैं कि रंग पंचमी आ गई, जानें इनके बारे में विस्तार से

होली आई, होली चली गई, अब क्या आप जानते हैं कि रंग पंचमी आ गई, जानें इनके बारे में विस्तार से

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Dharm- adhyatm : हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल का अंतिम महत्वपूर्ण पर्व रंगोत्सव होता है। रंगोत्सव यानी होली की मस्ती। होली की मस्ती यानी फगुनहट का आनंद। इस साल होली 14 और 15 मार्च को मनाई गई। अब होली आकर चली जा चुकी है और हिंदी का नया महीना शुरू हो चुका है। हम जानते हैं कि हिंदू धर्म में किसी भी पर्व त्योहार का धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान होता है। हर पर्व त्योहार में विशेष देवता का पूजा पाठ किया जाता है। क्या आप जानते हैं कि होली की समाप्ति के बाद रंग पंचमी का त्योहार कब आता है। इस साल रंग पंचमी के त्योहार की तिथि को लेकर ज्योतिष आचार्यां का कहना है कि यह 19 मार्च से लेकर 20 मार्च के बीच रहेगी। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर होली का उत्सव मनाया जाता है, और इसके पांच दिन बाद चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष रंग पंचमी 19 मार्च यानी आज मनाई जा रही।

रंग-गुलाल से प्रसन्न होते हैं देवता                     

 सनातन मान्यताओं के अनुसार, रंग पंचमी के दिन रंग-बिरंगे गुलाल देवी-देवताओं को अर्पित किए जाते हैं। इस दिन गुलाल को आसमान की ओर उड़ाया जाता है। रंग-बिरंगे गुलाल की सुंदरता देखकर देवता प्रसन्न होते हैं और लोगों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। कहा जाता है कि आसमान में उड़ते गुलाल का स्पर्श करने से लोगों के पाप मिट जाते हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

कहां मनाई जाती है रंग पंचमी

रंग पंचमी का त्योहार हर साल महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में विशेष रूप से मनाया जाता है। इस दिन राधारानी और भगवान कृष्ण को गुलाल अर्पित किया जाता है, और कुछ स्थानों पर माता लक्ष्मी की विशेष पूजा का भी आयोजन किया जाता है। रंग पंचमी को कृष्ण पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, और इसे श्रीपंचमी या देव पंचमी के नाम से भी पुकारा जाता है।

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