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सीओ ने तकनीकी कारणों का हवाला देकर आवेदन रिजेक्ट किया, तो होगी कार्रवाई : दीपक बिरुआ

सीओ ने तकनीकी कारणों का हवाला देकर आवेदन रिजेक्ट किया, तो होगी कार्रवाई : दीपक बिरुआ

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▪︎ भू राजस्व, भूमि सुधार विभाग के मंत्री ने की विभागीय समीक्षा

▪︎ सीओ को आवेदन रिजेक्ट करने पर 50 शब्दों में ठोस कारण बताना अनिवार्य

Ranchi News: भू राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा है कि अंचलों में तकनीकी कारणों का हवाला देकर रैयतों के आवेदनों को बेवजह रिजेक्ट करने पर, चिह्नित सीओ पर अब कार्रवाई होगी। साथ ही, अंचलों में दाखिल-खारिज सम्बन्धित मामलों पर आवेदनों की अस्वीकृत या आपत्ति के कारणों को सीओ को पचास शब्दों में ठोस बातें लिखकर स्पष्ट कारण बताना अनिवार्य है। मंत्री दीपक बिरुआ मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में भू राजस्व, भूमि सुधार विभाग की समीक्षात्मक बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। श्री बिरुआ ने कहा कि कई बार तकनीकी कारणों से झारभूमि साइट नहीं खुलने की बातें लिख कर, अंचल अधिकारी आवेदनों को जिस तरह रिजेक्ट करने का बहाना बनाते हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा। जमीन मामले में अंचलों में कई गड़बड़ियां हैं। जिसका भुगतान सरकार को उठाना पड़ता है। इसलिए सभी अंचल अधिकारी पदाधिकारी सचेत होकर ईमानदारी से अपने कार्य दायित्व का निर्वहन करें। 

मॉडर्न रूम को करें दुरुस्त, खतियान निकालने में न हो रैयतों को परेशानी

मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि कई मॉडर्न रिकॉर्ड रूम से खतियान निकालने पर सही छपाई नहीं होती। खतियान फोटो कॉपी नहीं दिखता है। ऐसी विसंगतियों को दुरुस्त किया जाये। स्पष्ट स्कैनिंग नहीं होने पर रैयतों को अपने जमीन की सही जानकारी नहीं मिलती। खतियान निकालने के बाद भी रैयतों को परेशानी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मॉडर्न रुम में कैथी और बंगला भाषा में लिखी खतियान को ट्रांसलेट करने सुविधा देने की आवश्यकता है।

आरओबी बनाने पर ग्रामीण सड़कों को दिया जाये ध्यान

एनएचएआई कार्य परियोजना को लेकर मंत्री ने दो टूक कहा कि जहां-तहां आरओबी बनाने के चक्कर में ग्रामीण सड़कों को छोड़ दिया जाता है, जो गलत है। आरओबी ऊपर में बनने और नीचे जगह छूटने से आमजनों को परेशानियां होती है। उन्होंने लैंड एक्वीजेशन को लेकर समय पर मुआवजा दिलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि एनएचएआई की जिम्मेवारी है कि पदाधिकारी  लैंड एकयूजेशन सम्बन्धित समस्याओं का त्वरित समाधान करें। 
विभागीय सचिव चंद्रशेखर ने कहा कि राजस्व संग्रहण का वार्षिक लक्ष्य के तहत कार्य किया जाये। कमजोर प्रदर्शन करनेवाले अंचलों की समीक्षा कर सुधारात्मक रणनीति अपनाई जायेगी। उन्होंने एलआरडीसी और एसी को अंचलों में लगनेवाले कैम्प की विशेष निगरानी करने के खास निर्देश दिये। 
मौके पर भू राजस्व विभाग के निदेशक भोर सिंह यादव ने दाखिल-खारिज करने के अनुचित कारणों और इसके अद्यतन स्थिति, वेब पीएन की सुविधा दिलाने, जिलों में भू-लगान के निर्धारण एवं ऑनलाइन भुगतान करने, भूमि सीमांकन के लम्बित मामलों की स्थिति समेत अन्य विभागीय कार्यों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सभी कर्मी ससमय सभी कार्यों के निष्पादन के लिए समन्वय स्थापित कर काम करें। 
बैठक मंत्री दीपक बिरुआ के अलावा सचिव चंद्रशेखर, विशेष सचिव शशि प्रकाश झा, भूमि निदेशक भोर सिंह यादव समेत जिलेभर से आये एलआरडीसी, एडिशनल कलेक्टर समेत अन्य अधिकारी पदाधिकारी मौजूद थे।

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