संसद का बजट सत्र : वक्फ संशोधन, एक देश-एक चुनाव समेत 62 बिल पेश होने हैं
New Delhi news : शुक्रवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है। पहली फरवरी को बजट पेश होगा। फिर केंद्र सरकार की ओर से दोनों सदनों में कुल 62 विधेयक पेश किए जाने की तैयारी है। इनमें विवादित वक्फ संसोधन बिल भी है। इसके अलावा एक राष्ट्र-एक चुनाव विधेयक भी सदन के पाताल पर रखा जाएगा। विधेयकों को पास कराने में मोदी सरकार अपना दम दिखाएगी, तो विपक्ष भी पूरी ताकत झोंकने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगा। पिछले सत्रों का इतिहास बताता है कि इस बार तो संसद को अखाड़ा बनाने का भरपूर मसाला हमारे माननीय संसद सदस्यों के पास है।
विपक्षी संसद निलंबन तक झेलने को तैयार दिखे
वक्फ संशोधन बिल को लेकर संयुक्त संसदीय समिति में बानगी दिख भी गई है। जहां एनडीए सांसदों ने एक स्वर में इसे मंजूरी देते दिखे, वही विपक्षी संसद इसके विरोध में निलंबन तक झेलने को तैयार दिखे। स्वाभाविक है, सदन में भी सरकार को वक्फ संशोधन विधेयक पर विपक्ष का भारी विरोध का सामना करना पड़ सकता है। दूसरे महत्वपूर्ण बिल एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक भी सदन के बाहर काफी चर्चा में रहा है। विपक्ष इसका मुखर विरोध करते दिखा।
अगर इसी सत्र में पेश होने वाले विधेयकों के सूची देखें तो, इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल, ऑफिशियल सीक्रेट्स बिल, पीएमएलए संशोधन बिल, संसद (रोकथाम और अयोग्यता) बिल, बैंकिंग और बीमा संशोधन बिल, एनआरआई के विवाह पंजीकरण विधेयक और उच्च शिक्षा आयोग विधेयक भी शामिल हैं।
प्रस्तावित विधेयकों की सूचना दे दी गई है
संसदीय कार्य मंत्रालय ने सभी संबंधित मंत्रालयों को इन प्रस्तावित विधेयकों की सूचना दे दी है, ताकि वे अपने-अपने विधेयकों को कैबिनेट की मंजूरी के लिए ले जा सकें। वैसे, इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल सरकार की प्राथमिकता सूची में है। इस विधेयक का विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही इसका खुलासा होगा। फॉरेनर्स एक्ट 1946, पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 और विदेशियों के पंजीकरण अधिनियम 1939 जैसे कानून भारत में विदेशियों के आने-जाने और रहने को लेकर हैं।
जहाजरानी से जुड़े तीन विधेयकों को भी प्राथमिकता
सरकार ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के पंजीकरण संशोधन विधेयक 2013 और जहाजरानी मंत्रालय से जुड़े तीन विधेयकों को भी प्राथमिकता दी है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पंजीकरण संशोधन विधेयक में सभी अचल संपत्तियों के पंजीकरण को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव रखा है। चाहे लीज की अवधि कितनी भी क्यों न हो। 94 साल पुराने ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट (ओएसए) में प्रस्तावित संशोधन का विवरण अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है, लेकिन गृह मंत्रालय ने 2017 में इस औपनिवेशिक कानून की समीक्षा की थी, ताकि इसे वर्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुकूल बनाया जा सके। इस कानून में बदलाव राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किए जा सकते हैं।
62 विधेयकों सूची में शामिल
सूत्रों की मानें, तो सरकार कॉर्पोरेट कानून विधेयक और साझेदारी विधेयक में भी संशोधन करने पर विचार कर रही है। दिल्ली किराया संशोधन विधेयक 1997 और दिल्ली किराया निरसन विधेयक 2013 को पेश करने के भी प्रस्ताव हैं। मोटर वाहन अधिनियम, राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम और डिजिटल विश्वविद्यालय विधेयक में भी संशोधन प्रस्तावित हैं। ये सभी 62 विधेयकों की सूची में शामिल हैं।
इन विधेयकों का आम जनता पर क्या असर पड़ेगा, यह जानना जरूरी है। इमिग्रेशन बिल से विदेशियों के भारत आने-जाने के नियमों में बदलाव हो सकते हैं। ओएसए में संशोधन से सरकारी गोपनीयता के नियमों में बदलाव हो सकते हैं। पीएमएलए संशोधन से मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों से निपटने में मदद मिल सकती है। बैंकिंग और बीमा संशोधन से वित्तीय क्षेत्र में सुधार हो सकते हैं। एनआरआई के विवाह पंजीकरण विधेयक से विदेश में रहने वाले भारतीयों के विवाहों को कानूनी मान्यता मिल सकती है। उच्च शिक्षा आयोग विधेयक से उच्च शिक्षा में बदलाव हो सकते हैं। यह बजट सत्र काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। देखना होगा कि इनमें से कितने विधेयक पारित हो पाते हैं।