झारखंड मुक्ति मोर्चा के 53वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में सपत्नीक शामिल हुए मुख्यमंत्री
Dhanbad news : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने केन्द्र सरकार से झारखंड की बकाया राशि 01 लाख 36 हजार करोड़ रुपये देने की मांग की है। उन्होंने ताकीद की, कि यदि राज्य सरकार को यह रकम वापस नहीं मिली, तो झारखंड की कोयला खदानों को बंद करने पर विचार किया जायेगा। धनबाद के रणधीर वर्मा स्टेडियम गोल्फ ग्राउंड में मंगलवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के 53वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री बोल रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ उनकी पत्नी सह गांडेय विधायक कल्पना सोरेन, तमाम विधायक और पार्टी के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य उपस्थित थे।
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि कोरोना काल में लोगों की सेवा करते-करते हमारे दो मंत्री शहीद हो गये। उन्होंने कहा कि झारखंड की खनिज सम्पदा से पूरा देश रौशन होता है और उसी झारखंड के लोग भूख से मरने लगे। तब जाकर झारखंड मुक्ति मोर्चा, जो हमेशा एक सिपाही की भूमिका में रहा, उसने यह संकल्प लिया कि सत्ता से इन बेईमानों को बेदखल करना होगा। तब हमने एक लम्बी संघर्ष यात्रा निकाली और जनता के आशीर्वाद से हमने वर्ष 2019 में सत्ता वापस पायी।
उन्होंने कोयला रॉयल्टी की बकाया राशि की बात करते हुए कहा कि अधिकार छीनने से मिलता है। यहां के सांसद जब दिल्ली जाते हैं, तो झारखंड का हक मांगने की जगह अपने मुंह पर टेप साट लेते हैं। लेकिन, हम अपना अधिकार लेकर रहेंगे। इसके लिए जरूरत पड़ी, तो कानूनी रास्ता अख्तियार किया जायेगा और इससे भी बात नहीं बनी, तो यहां की कोयला खदानें बंद कर दी जायेंगी।
वहीं, गांडेय विधायक कल्पना सोरेन ने कहा कि हेमन्त सोरेन जब जेल गये थे, तब वह हेमन्त सोरेन थे, लेकिन जब वह जेल से बाहर आये, तो वह गुरुजी बन कर बाहर निकले। उन्होंने कहा कि महिला अब झारखंड में अबला नहीं है, क्योंकि महिलाओं के पास महिला सम्मान योजना है। मंईयां सम्मान योजना महिलाओं की जीत है।