New Delhi News: 04 फरवरी की सुबह 03 बजे अमेरिका से 104 भारतीय अवैध अप्रवासियों को भारत रवाना किया। यह पहली बार है जब अमेरिका अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का प्रयोग कर रहा है। 05 फरवरी को दोपहर 02 बजे एयरक्राफ्ट भारतीय अवैध अप्रवासियों को लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचा।
दरअसल, ट्रम्प अवैध अप्रवासियों को एलियन और अपराधी कहते आये हैं। इस कारण ट्रम्प ने अवैध अप्रवासियों को चार्टर्ड फ्लाइट की जगह सैन्य विमान से डिपोर्ट किया। इन लोगों के हाथ में हथकड़ी और बेड़ियां लगीं हुई थीं। इतना ही नहीं, फ्लाइट में 104 लोगों के लिए सिर्फ 01 टॉयलेट है। हालांकि, अमेरिका ने कुल 205 भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए चिह्नित किया है। इसी बीच 186 भारतीयों को डिपोर्ट करने वाली लिस्ट भी सामने आयी। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बाकी बचे लोग कहां हैं और कब डिपोर्ट किया जायेगा। अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचे 104 लोगों में हरियाणा और गुजरात के 33-33, पंजाब के 30, महाराष्ट्र के 3, उत्तर प्रदेश-चंडीगढ़ के 2 लोग शामिल हैं। इसमें कुछ परिवार भी हैं। इसके अलावा 8 से 10 साल के बच्चे भी शामिल हैं।
क्या अप्रवासियों के डिपोर्टेशन में भारत सरकार भी है शामिल ?
इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि इस डिपोर्टेशन प्रोग्राम में भारत भी शामिल रहा है। भारत की मर्जी के बिना डिपोर्टेशन प्रोग्राम नहीं हो सकता था। इसके लिए केन्द्र ने काफी समय से तैयारी कर ली थी। 21 जनवरी को वॉशिंगटन डीसी में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मुलाकात हुई थी। तब मार्को ने अवैध भारतीय प्रवासियों का मुद्दा उठाया था। इस पर जयशंकर ने कहा था कि भारत उन प्रवासियों को वापस लेने को तैयार है, जो अधूरे या बगैर दस्तावेज के अमेरिका पहुंचे थे।