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सहकारिता क्षेत्र में हमें वही काम करना चाहिए, जो राज्यहित में हो : अलका तिवारी

सहकारिता क्षेत्र में हमें वही काम करना चाहिए, जो राज्यहित में हो : अलका तिवारी

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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य सहकारिता विकास समिति की बैठक


Ranchi news :मुख्य सचिव अलका तिवारी ने कहा है कि राज्य में सहकारिता के क्षेत्र में हमें वही करना है, जो राज्यहित में हो। वह सोमवार को राज्य सहकारिता विकास समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं।उन्होंने कहा कि राज्य के संसाधनों और अधिकतम लोगों की जरूरत के अनुसार ही सहकारिता विकास की योजना तय करें। कुछ जिलों में सहकारिता बैंक की शाखा खोलने के मुद्दे पर उन्होंने निर्देश दिया कि बैंक पहले अपनी स्थिति मजबूत करें, फिर विस्तार की योजना पर काम करें। उन्होंने कहा कि वैसी विकास योजनाएं न लें, जो बाद में राज्य पर बोझ साबित हों। वहीं, सहकारिता विभाग के कुछ प्रस्तावों पर उन्होंने और कार्य करने का निर्देश देते हुए कहा कि प्रस्ताव राज्य के इको सिस्टम के अनुरूप होने चाहिए।


राज्य के 1270 लैम्पस-पैक्स हुए ऑनलाइन


राज्य सहकारिता विकास समिति की बैठक में बताया गया कि राज्य के चयनित 1500 लैम्पस-पैक्स में से 1270 कम्प्यूटरीकृत होकर ऑनलाइन हो चुके हैं। शेष 230 समितियों को 31 मार्च तक कम्प्यूटरीकृत कर लेने का लक्ष्य है। वहीं, राज्य के शेष बचे 2949 लैम्पस-पैक्स के कंप्यूटरीकरण का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। जो लैम्पस-पैक्स ऑनलाइन हो गये हैं, उन्हें प्रज्ञा केंद्र के रूप में सेवा प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए बैठक में इन समितियों को झारसेवा लॉगिन आइडी देने का निर्णय लिया गया।


13 लाख क्विंटल से अधिक खरीदा जा चुका है धान


बैठक में बताया गया कि 724 धान अधिप्राप्ति केन्द्रों से 25 जनवरी 2025 तक कुल 1306356.33 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। खरीदी की निर्धारित अवधि कम होने को ध्यान में रखते हुए शेष 75 क्रय केन्द्रों को कार्यशील बनाते हुए लक्ष्य की प्राप्ति हेतु कार्य किया जा रहा है। बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के 100 प्राथमिक दुग्ध सहकारी समिति के निबंधन के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 65 का निबंधन हो चुका है, जबकि 37 निबंधन के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं।


2.57 लाख टन हुआ मत्स्य उत्पादन


राज्य में वित्तीय वर्ष 2023-24 में तीन लाख टन मछली उत्पान के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 2.57 लाख टन उत्पादन हो चुका है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह उत्पादन 2.80 लाख टन था। बताया गया कि अमृत सरोवर मिशन के तहत प्रत्येक जिले में निर्मित एवं विकसित सरोवरों में मत्स्यजीवी सहयोग समितियां लि. के गठन के लिए सहकारिता एवं मत्स्य प्रभाग में समन्वय कर अभियान के तहत कार्य किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 50 के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 33 प्राथमिक मत्स्य सहकारी समिति का गठन हो चुका है।

इसके अतिरिक्त बैठक में गोदाम निर्माण, लैम्पस-पैक्स को कमरा उपलब्ध कराने, रसोई गैस डिस्ट्रिब्यूटरशिप, रिटेल पेट्रोल-डीजल आउटलेट खोलने, विभिन्न जिलों में जन औषधि केन्द्र खोलने, उर्वरक लाइसेंस, लैम्पस-पैक्स को पीएम किसान समृद्धि केन्द्र के रूप में विकसित करने, झारखंड में नवनिर्मित सहकारी प्रशिक्षण संस्थान को इंस्टीट्यूट ऑफ कोआपरेटिव मैनेजमेंट के रूप में विकसित करने इत्यादि मसलों पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में कृषि सचिव अबु बक्कर सिद्दीक, वित्त सचिव प्रशांत कुमार, राजस्व सचिव चंद्रशेखर, ग्रामीण विकास सचिव के श्रीनिवासन, निबंधक सहयोग समितियां सूरज कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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