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समंदर में भी आमने-सामने भारत और चीन

समंदर में भी आमने-सामने भारत और चीन

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New Delhi news : एक तरफ उत्तरी सीमा पर भारत और चीन के बीच नियंत्रण रेखा पर स्थिति संवेदनशील बनी हुई है, तो दूसरी तरफ दक्षिण चीन सागर में भारत और चीन के तटरक्षक बल आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल, जब भारतीय तटरक्षक जहाज शौनक जापान से एक सद्भावना यात्रा से लौट रहा था, तभी दक्षिणी चीन सागर में विवादित द्वीप स्कारबोरो शोल के पश्चिम से गुजरते समय चीनी तटरक्षक जहाजों ने उसे घेर लिया। इससे दोनों तटरक्षक बलों के बीच तनातनी बढ़ गई है। चीनी तटरक्षक बल स्कारबोरो शोल के करीबी समुद्री इलाके को विवादित क्षेत्र मानते रहे हैं।

 स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा नवाचार के लिए गॉर्डियन नॉट सेंटर की समुद्री पारदर्शिता पहल सीलाइट के निदेशक रे पॉवेल ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि जापान की सद्भावना यात्रा से लौट रहे और स्कारबोरो शोल के पश्चिम से गुजर रहे भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस शौनक पर चीन तटरक्षक बल 3304 की नजर है। इस दौरान चीनी तट रक्षक बल के दो जहाज, सीसीजी 3103 और सीसीजी 3502, भारतीय जहाज को समंदर में घेरे हुए थे। फिलीपींस के दावों के बावजूद, चीन का दावा है कि यह क्षेत्र विवादित है।

दक्षिण-पूर्व एशियाई देश लंबे समय से चीनी तटरक्षक बल की आक्रामक रणनीति के निशाने पर रहे हैं

इस क्षेत्र में यह सब तब हुआ, जब चीनी तटरक्षक बल का “मॉन्स्टर शिप” पहले से ही फिलीपींस के तटरक्षक जहाजों के साथ टकराव में लगा हुआ है। बता दें कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देश लंबे समय से चीनी तटरक्षक बल की आक्रामक रणनीति के निशाने पर रहे हैं और पिछले कुछ वर्षों में, चीनी तटरक्षक बल ने ग्रे जोन में काम करना शुरू कर दिया है, जो कथित तौर पर चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता और समुद्री अधिकारों और हितों की रक्षा कर रहा है।

इस क्षेत्र में दादागीरी करता रहा है चीन

इस की टीम में 1,275 से अधिक नौका तैनात हैं। चीन की इस जकड़बंदी ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक बड़ी सुरक्षा चुनौती पेश की है। वास्तव में चीन अपने मजबूत निगरानी और तटरक्षक बलों की सघन तैनाती से इस क्षेत्र में दादागीरी करता रहा है, जिसका उसके पड़ोसी देश विरोध करते रहे हैं।

बता दें कि चीनी तटरक्षक बल के पास 500 टन से अधिक वजन वाले 225 जहाज हैं, जो अपतटीय संचालन करने में सक्षम हैं। इसके अलावा चीन के पास दुनिया के दो सबसे बड़े तटरक्षक जहाज हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन 10 हजार टन है। चीनी तटरक्षक बल का झाताऊ-श्रेणी का गश्ती जहाज दुनिया का सबसे बड़ा सशस्त्र तटरक्षक कटर है, जो अमेरिकी नौसेना के आर्ले बर्क-श्रेणी के विध्वंसक से भी बड़ा है, जो चीन के साथ क्षेत्रीय विवादों में शामिल दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए एक पहेली बनी हुई है। इसी समय चीनी तटरक्षक बल का ‘मॉन्स्टर’ जहाज सीसीजी 5901 शोल के पूर्व में फिलीपींस तटरक्षक बीआरपी गैब्रिएला सिलांग से उलझा हुआ है। मॉन्स्टर समय-समय पर अंधेरे में चला जाता है, जिससे इसका स्वचालित पहचान प्रणाली (एआईएस) बंद हो जाता है, जिससे इसकी गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

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