New Delhi News: भारत और पाकिस्तान ने बुधवार को एक-दूसरे की जेलों में बंद नागरिक कैदियों की सूचियों का आदान-प्रदान किया। भारत ने 81 मछुआरों सहित 462 पाकिस्तानी कैदियों और पाकिस्तान ने 217 मछुआरों सहित 266 भारतीय कैदियों की सूची साझा की।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 2008 में हुए द्विपक्षीय काउंसलर एक्सेस समझौते के प्रावधानों के तहत हर साल 01 जनवरी और 01 जुलाई को ऐसी सूचियों का आदान-प्रदान किया जाता है। इसमें कहा गया है, ‘भारत और पाकिस्तान ने आज नयी दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक माध्यमों से एक-दूसरे की हिरासत में बंद नागरिक कैदियों की सूचियों का आदान-प्रदान किया।’
बयान में कहा गया है कि भारत ने अपनी जेलों में बंद 81 मछुआरों सहित 462 कैदियों के नाम साझा किये हैं, जो पाकिस्तानी हैं या जिनके बारे में माना जाता है कि वे पाकिस्तानी हैं। इसी तरह पाकिस्तान ने अपनी जेलों में बंद 217 मछुआरों सहित 266 कैदियों के नाम साझा किये हैं, जो भारतीय हैं या जिनके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय हैं। मंत्रालय ने कहा कि सरकार के निरन्तर प्रयासों के परिणामस्वरूप 2014 से अब तक 2,639 भारतीय मछुआरों और 71 नागरिक कैदियों को पाकिस्तान से वापस लाया गया है। इसमें 2023 से अब तक पाकिस्तान से वापस लाये गये 478 भारतीय मछुआरे और 13 भारतीय नागरिक कैदी शामिल हैं।
“पाकिस्तान में सजा पूरी कर चुके 183 भारतीय मछुआरों और नागरिक कैदियों की रिहाई होगी “
भारत सरकार ने पाकिस्तान की हिरासत से नागरिक कैदियों, मछुआरों और उनकी नावों तथा लापता भारतीय रक्षाकर्मियों की शीघ्र रिहाई और स्वदेश वापसी का आह्वान किया है। पाकिस्तान से उन 183 भारतीय मछुआरों और नागरिक कैदियों की रिहाई और स्वदेश वापसी में तेजी लाने को कहा गया है, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है। इसके अलावा पाकिस्तान से उन 18 नागरिक कैदियों और मछुआरों को तत्काल कांसुलर एक्सेस प्रदान करने को कहा गया है, जिन्हें पाकिस्तान की हिरासत में माना जाता है कि वे भारतीय हैं और जिन्हें अभी तक कांसुलर एक्सेस प्रदान नहीं किया गया है। पाकिस्तान से अनुरोध किया गया है कि वह सभी भारतीय और भारतीय माने जाने वाले नागरिक कैदियों और मछुआरों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करे, जब तक कि उनकी रिहाई और भारत को प्रत्यावर्तन न हो जाये।
भारत एक-दूसरे के देश में कैदियों और मछुआरों से सम्बन्धित मामलों सहित सभी मानवीय मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सम्बोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संदर्भ में भारत ने पाकिस्तान से भारत की हिरासत में मौजूद 76 नागरिक कैदियों और मछुआरों की राष्ट्रीयता सत्यापन प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है, जिन्हें पाकिस्तान से राष्ट्रीयता की पुष्टि के अभाव में वापस भेजा जाना लम्बित है।