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भारतीय वायुयान विधेयक 2024 को संसद से मिली मंजूरी

भारतीय वायुयान विधेयक 2024 को संसद से मिली मंजूरी

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▪︎राज्य सभा में गूंजा विदेशी ताकतों के जरिये देश में अस्थिरता फैलाने का मुद्दा, विपक्ष ने किया हंगामा

New Delhi News: गुरुवार को राज्यसभा से भारतीय वायुयान विधेयक 2024 पारित हो गया। नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने गुरुवार को राज्यसभा में भारतीय वायुयान विधेयक 2024 पेश किया, जो एयर क्राफ्ट एक्ट 1934 का स्थान लेगा। लोकसभा से यह विधेयक पिछले सत्र में पारित किया जा चुका है। विधेयक में विमान के डिजाइन, निर्माण, रखरखाव, अधिकार, उपयोग, संचालन, बिक्री, निर्यात और आयात के विनियमन और नियंत्रण तथा उससे जुड़े मामलों का प्रावधान है। इस विधेयक के विरोध में विपक्षी सांसदों के प्रस्ताव अस्वीकृत हो गये। इसके बाद सदस्यों ने लोक कल्याण के मुद्दों को विशेष उल्लेख के तहत उठाया। उसके बाद सदन की कार्यवाही को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

त्रिची शिवा ने फेंजल से तबाही पर केन्द्र से मदद मुहैया कराने की मांग की
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर शून्यकाल में सदस्यों की ओर से लोक कल्याण के मुद्दे तय थे, जिनमें चक्रवात फेंजल का मुद्दा भी था। दरअसल, त्रिची शिवा ने नियम 267 के तहत कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया था, जिस पर सभापति ने उन्हें शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाने और अपनी बात रखने को कहा। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह मुद्दा पहले भी उठाया जा चुका है, लेकिन इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए वह शिवा की याचिका को शून्यकाल में शामिल कर रहे हैं। इस पर शिवा ने फेंजल के कारण हुई तबाही का जिक्र कर केन्द्र से मदद मुहैया कराने की मांग की।

सुधांशु त्रिवेदी ने विदेशी ताकतों द्वारा देश में अस्थिरता फैलाने का मुद्दा उठाया
इसके बाद भाजपा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने विदेशी ताकतों द्वारा देश में अस्थिरता फैलाने के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए इसकी जांच कराने की मांग की। त्रिवेदी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सामरिक और आर्थिक स्थिति लगातार दुनिया के सामने सुदृढ़ हो रही है। इसे देखते हुए भारत की संप्रभुता को प्रभावित करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने ओसीसीआरपी खोजी पत्रकारिता संगठन पर फ्रांसीसी प्रकाशन की मीडियापार्ट की हालिया खोजी रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि हर संसद सत्र से पहले एक मुद्दा आ जाता है। जो स्पष्ट तौर पर बताता है कि उन्हें विदेशों से आर्थिक सहायता मिल रही है। जिसका सम्बन्ध जार्ज सोरोस से है। वह देश में अस्थिरता फैलाना चाहते हैं। इस पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। त्रिवेदी ने कहा कि संसद की कार्यवाही और महत्वपूर्ण घटनाओं के आसपास ही समाचार रिपोर्ट प्रकाशित करने का ठोस प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने सिलसिलेवार ढंग से पेगासस सॉफ्टवेयर, हिंडनबर्ग रिपोर्ट, कोरोना वैक्सीन, नरेन्द्र मोदी और गुजरात पर बीबीसी के वृत्तचित्र का भी हवाला दिया।
त्रिवेदी ने मणिपुर के वीडियो का भी संदर्भ सदन पटल पर रखा, जिस पर विपक्ष का हंगामा तेज हो गया। विपक्षी सदस्यों ने इस पर नारेबाजी शुरू कर दी।

विदेशी ताकतों के प्रलापों से देश की तरक्की प्रभावित हो रही है
शोरगुल के बीच सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि विदेशी ताकतों के इन प्रलापों से देश की तरक्की प्रभावित हो रही है। इसके लिए उन्होंने इंडिया द मोदी क्वेश्चन और हिंडनबर्ग के साथ हाल में आई अडाणी समूह की रिपोर्ट का हवाला दिया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सबको शून्यकाल में तीन से चार मिनट का समय मिलता है, सुधांशु त्रिवेदी को छह मिनट का समय मिला। यह संसदीय परम्पराओं के अनुकूल नहीं है। इस पर सभापति ने हस्तक्षेप किया और कहा कि वह समय देंगे। यह अहम विषय है। गम्भीर मुद्दा है, हमें सभी की राय जानने की जरूरत है।

किसी बड़े लोकतंत्र को निष्क्रिय नहीं होने दे सकते: सभापति
सभापति ने कहा कि ऐसे किसी बड़े लोकतंत्र को निष्क्रिय नहीं होने दे सकते। इस सदन का यह रुख किसी भी पहल को बेअसर करने के लिए एकजुट होना, हमारी संप्रभुता के लिहाज से भी हानिकारक है। यह खतरनाक हो सकता है, वह चाहते हैं कि सुधांशु त्रिवेदी अपनी बात पूरी करें। विपक्ष ने जोरदार विरोध किया जबकि त्रिवेदी ने अपना भाषण जारी रखा। त्रिवेदी ने कहा कि वह तो महज एक रिपोर्ट का हवाला ही नहीं, तीन सालों का क्रम बता रहे हैं। इस पर सभापति ने सदन को व्यवस्थित रखने का प्रयास किया, लेकिन विपक्ष का शोरगुल और हंगामा बढ़ गया। इस बीच सभापति ने तृणमूल के सदस्य डेरेक ओ’ ब्रॉयन के आग्रह पर उन्हें बोलने की अनुमति दी लेकिन बाकी सदस्यों का विरोध जारी रहा। नतीजतन, सभापति ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे फिर से शुरू हुई।

प्रश्नकाल में जयराम रमेश ने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा पर अपनी बात रखी

प्रश्नकाल में जयराम रमेश ने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा के बारे में अपनी बात रखी। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार संसद में एक स्वतंत्र वैधानिक परमाणु ऊर्जा नियामक बनाने के लिए कानून पर विचार कर रही है। या नियामक को ही परमाणु प्रतिष्ठान का हिस्सा बनने देगी। इसका उत्तर देते हुए केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड-एईआरबी के अलावा विश्व परमाणु संचालन संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन भी सुरक्षा समीक्षा में शामिल हैं।

भारत एक “संप्रभु, स्वतंत्र और टिकाऊ फिलिस्तीनी राज्य” के निर्माण के पक्ष में है
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने संसद में एक अहम बयान देते हुए कहा कि भारत फिलिस्तीन मुद्दे पर लम्बे समय से दो-राज्य समाधान का समर्थन करता आया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत एक “संप्रभु, स्वतंत्र और टिकाऊ फिलिस्तीनी राज्य” के निर्माण के पक्ष में है, जो इजराइल के साथ शांति से रह सके। इसके बाद पोस्ट ऑफिस के आधुनिकीकरण के बारे में प्रश्न पूछे गए। डीएमके सांसद पी विल्सन ने पोस्ट ऑफिस में अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षित रिक्त पदों की भर्ती और पोस्ट ऑफिस में ऑनलाइन पेमेंट को लेकर सवाल पूछे। इसके जवाब में दूरसंचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासनी ने कहा कि आरक्षित पदों के नियुक्तियां नियमों के अनुसार की जाती है। पोस्ट ऑफिस का आधुनिकीकरण प्रक्रिया एक सतत प्रक्रिया है। पोस्ट ऑफिस के लिए एक लाख से अधिक फोन खरीदे गये, जिसके तहत सेवाएं लोगों के घरों तक पहुंचायी जा रही हैं।
राघव चड्ढा ने सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के समितियों और संवैधानिक पदों पर निुयक्तियों को लेकर अपने प्रश्न रखे, जिस पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि संवैधानिक पदों पर नियुक्तियां नियमों के अनुसार ही की जाती हैं।

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