New Delhi news, Indian Railway : भारतीय रेलवे न केवल अपने यात्रियों की सुविधाओं के लिए लगातार तकनीकी दृष्टि से डेवलप हो रहा है, बल्कि हादसों को रोकने के लिए भी गंभीर है। अपडेट जानकारी यह है कि हादसों की समस्या से निपटने के लिए रेलवे एक खास टेक्नोलॉजी का यूज कर रही है। बताया जाता है कि इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल Apple अपने लेटेस्ट आईफोन में करता है। इस टेक्नोलॉजी का नाम LiDAR है। ऐसा समझा जा रहा है कि इस लाइट डिटेक्टिंग एंड रेंजिंग यानी LiDAR टेक्नोलॉजी के बाद ट्रेन को पटरियों से उतरने से रोका जा सकेगा। इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से पटरी में कोई खराबी हुई या फिर किसी ने जानबूझकर ट्रेन की पटरियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो उसे समय पर पकड़ा जा सकता है।
रिपोर्ट की मानें तो LiDAR टेक्नोलॉजी को 1 हजार ट्रेनों में लगाया जाएगा। साथ ही 1500 किलोमीटर ट्रैक को कवर किया जाएगा।
कैसे कारगर होगी नई टेक्नोलॉजी
LiDAR टेक्नोलॉजी की मदद से पटरियों पर फ्रैक्चर, फॉल्ट और गायब सेक्शन का पता लगाया जा सकेगा। इस टेक्नोलॉजी में कई तरह के सेंसर इस्तेमाल किए जाते हैं। इन सेंसर की मदद से रेलवे ट्रैक के 3D मॉडल बनाए जाते हैं। इस टेक्नोलॉजी में पटरियों की मैपिंग की जाती है। पटरी की सेफ्टी और दूरी मापने के लिए लेजर बीम का यूज किया जाता है।
अभी लगेगा लंबा समय
बताया जा रहा है कि LiDAR सिस्टम लगाने के काम को 18 से 24 माह में पूरा किया जा सकेगा। मौजूदा समय में पटरियों की देखरेख का काम मैन्युअल तरीके से किया जाता है। इसकी वजह से सही समय पर ट्रेन पटरियों के खराब होने की जानकारी नहीं मिलती है, जो ट्रेन हादसे की वजह बनती है।