New Delhi News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आज भारत के प्रयासों, नवाचारों और विचारों को जो महत्त्व मिल रहा है, वह पहले कभी नहीं मिला। उन्होंने कहा कि भारत अब न केवल विश्व व्यवस्था में भाग ले रहा है, बल्कि इसके भविष्य को सुरक्षित बनाने में भी योगदान दे रहा है।
प्रधानमंत्री नयी दिल्ली के भारत मंडपम में ‘आज भारत क्या सोचता है’ विषय पर एक टीवी चैनल द्वारा आयोजित वैश्विक शिखर सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज विश्व की दृष्टि भारत पर है। दुनिया के किसी भी देश में जाने पर वहां के लोग भारत को लेकर एक नयी जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में 11वें नम्बर की इकोनॉमी बना और महज 7-8 साल में 5वें नम्बर की इकोनॉमी बन गया। आईएमएफ के नये आंकड़े बताते हैं कि भारत दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने जीडीपी को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने 02 लाख करोड़ डॉलर अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं।
प्रधानमंत्री ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी जांच एजेंसियों की आलोचना करने के लिए विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन लोगों ने जनता का पैसा लूटा है, उन्हें उसे वापस करना होगा। उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उन्हें भी लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ईडी को दिन-रात गालियां दी जा रही हैं, ईडी ने 22,000 करोड़ रुपये से अधिक वसूले हैं। ये पैसा कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे यह पैसा लूटा गया।’
“आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी भारत में है“
उन्होंने कहा कि आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी भारत में है। ये युवा तेजी से कौशल प्राप्त करके नवाचार को गति दे रहे हैं। इन सबके बीच भारत की विदेश नीति का मंत्र इंडिया फर्स्ट बन गया है। एक जमाने में भारत की नीति सबसे समान रूप से दूरी बना कर चलो थी, आज के भारत की नीति सबके समान रूप से करीब होकर चलो है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार किया है, बल्कि हमने देश भर में बैंकिंग प्रणाली को भी मजबूत किया है। आज बैंकों का एनपीए बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का लाभ एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये के नये रिकॉर्ड को पार कर गया है। बाजार में विदेशी के बजाय भारतीय उत्पादों की मांग को तवज्जो मिलने का जिक्र करते हुए कहा कि आज स्थिति बदल गयी है।
“दुनिया भारत को एक बड़े मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में देख रही है“
भारत की पहली एमआरआई मशीन के समाचार का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी एमआरआई मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया एमआरआई मशीन होगी तो जांच की कीमत भी कम हो जायेगी। आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने देश के विनिर्माण सेक्टर को नयी ऊर्जा दी है। मोदी ने कहा कि पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्किट कहती थी, आज वही दुनिया भारत को एक बड़े मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में देख रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए दुनिया को एकजुट होना चाहिए, जिनमें से एक ऊर्जा संसाधनों का मुद्दा है। इससे निपटने के लिए, हमने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना की, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि छोटे देश भी स्थायी ऊर्जा से लाभ उठा सकें। इस पहल का जलवायु परिवर्तन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और वैश्विक दक्षिण के देशों की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 100 से ज्यादा देश पहले ही इस प्रयास में शामिल हो चुके हैं।