बीमारी की वजह से पद छोड़ा, 55 साल के मुजतबा का खुफिया एजेंसी में दबदबा
Tehran news: ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने अपने दूसरे बेटे मुजतबा खामेनेई को उत्तराधिकारी बना दिया है। बताया जा रहा है कि खामनेई ने बीमारी के चलते यह फैसला लिया है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान की एक्सपर्ट असेंबली ने 26 सितंबर को ही नए सुप्रीम लीडर का चुनाव कर लिया था। खुद खामेनेई ने असेंबली के 60 सदस्यों को बुलाकर गोपनीय तरीके से उत्तराधिकारी पर फैसला लेने को कहा था। असेंबली ने सर्वसम्मति से मुजतबा के नाम पर सहमति जताई थी।
85 साल के आयतुल्लाह खामेनेई गंभीर रूप से बीमार हैं। अपनी मौत से पहले शांतिपूर्ण तरीक से पावर ट्रांसफर करने के लिए ही खामेनेई ने बेटे को सारी जिम्मेदारियां सौंप दी हैं। दिलचस्प बात यह भी है कि खामनेई ने अपने बड़े बेटे मुस्तफा को वारिस नहीं बनाया है। इस फैसले के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं मिली है।
मुजतबा अपने पिता की तरह ही इस्लामिक मामलों के जानकार हैं। वे पहली बार 2009 में दुनिया की नजरों में आए। उन्होंने ईरान में जारी विरोध प्रदर्शनों को सख्ती से कुचला, जिसमें कई लोग मारे गए। तब राष्ट्रपति चुनाव में कट्टरपंथी नेता महमूद अहमदीनेजाद को सुधारवादी नेता मीर होसैन मौसवी पर जीत मिली थी।
सुधारवादी नेताओं ने दावा किया कि चुनाव में भारी पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। इसके बाद लाखों लोग सड़कों पर उतर आए थे। इसे ‘ईरानी ग्रीन मूवमेंट’ का नाम दिया गया। यह दो साल तक चला, लेकिन ईरानी सरकार ने इसे बल प्रयोग करके दबा दिया था। कहा गया था कि इसके पीछ मुजतबा खामेनेई का दिमाग है।
मुजतबा खामेनेई को पिछले दो साल से सुप्रीम लीडर बनाने की तैयारियां चल रही थीं। मुजतबा के सरकार में किसी पद पर न होने के बाद भी जरूरी फैसलों में लगातार उनकी भागीदारी बढ़ती देखी गई। रिपोर्ट के मुताबिक मुजतबा एक रहस्यमयी शख्स हैं। वह बहुत कम अवसरों पर नजर आते हैं। वे पिता की तरह सार्वजनिक भाषण नहीं देते।
ईरान की खुफिया और दूसरी सरकारी एजेंसियों में मुजतबा के लोग बैठे हुए हैं। ईरान में इब्राहिम रईसी के राष्ट्रपति बनने के बाद मुजतबा का कद काफी बढ़ गया। मुजतबा को रईसी के उत्तराधिकारी यानी कि ईरान के राष्ट्रपति पद के लिए तैयार किया जा रहा था, लेकिन रईसी की मौत के बाद इसमें बदलाव आ गया।