Categories


MENU

We Are Social,
Connect With Us:

☀️
–°C
Fetching location…

आईआरसीटीसी, आईआरएफसी को मिला नवरत्न दर्जा

आईआरसीटीसी, आईआरएफसी को मिला नवरत्न दर्जा

Share this:

2014 के बाद सभी सूचीबद्ध रेलवे पीएसयू को मिला नवरत्न का दर्जा

New Delhi news : सरकार ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) और इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन को नवरत्न कंपनियों के रूप में अपग्रेड करने की मंजूरी दी है। इस खुशखबरी की घोषणा सार्वजनिक उपक्रम विभाग ने अपने  पोस्ट के माध्यम से की। इस घोषणा के साथ, आईआरसीटीसी 25वीं और आईआरएफसी 26वीं नवरत्न कंपनी बन गई हैं।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आईआरसीटीसीआईआरएफसी की टीम को बधाई दी और कहा कि 2014 के बाद पहली बार रेलवे की सभी 7 सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को नवरत्न का दर्जा प्राप्त हुआ है। इससे पहले, सीओएनसीआर (जुलाई 2014), आरवीएनएल (मई 2023), कफउडठ और फकळएर (अक्टूबर 2023), फं्र’ळी’ (अगस्त 2024) को यह दर्जा मिला था और अब आईआरसीटीसी और कफऋउ भी इस सूची में शामिल हो गए हैं।

रेल मंत्री ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और रेलवे क्षेत्र के प्रति उनके विशेष ध्यान का परिणाम है। उन्होंने इस अवसर पर वित्त मंत्री को भी धन्यवाद दिया।

आईआरसीटीसी भारतीय रेल मंत्रालय के अंतर्गत एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी (उढरए) है, जिसने वित्त वर्ष 2023-24 में 4,270.18 करोड़ का वार्षिक कारोबार, 1,111.26 करोड़ का शुद्ध लाभ (ढअळ) और 3,229.97 करोड़ की कुल संपत्ति (ठी३ हङ्म१३ँ) दर्ज की है।

यह उपलब्धि तब और खास हो जाती है जब 2025 में आईआरसीटीसी अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे करने जा रहा है। यह रेलवे की कैटरिंग, पर्यटन और आॅनलाइन टिकटिंग सेवाओं में उत्कृष्टता का प्रमाण है।

नवरत्न दर्जा मिलने के बाद आईआरसीटीसी को अपनी सेवाओं का विस्तार करने और यात्रा, पर्यटन और आतिथ्य  क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों को छूने का अवसर मिलेगा।

आईआरएफसी इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन भारतीय रेलवे मंत्रालय के तहत एक प्रमुख वित्तीय संस्था है, जिसे अब भारत सरकार द्वारा नवरत्न का दर्जा दिया गया है।

कफऋउ की स्थापना 12 दिसंबर 1986 को 100% सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी के रूप में हुई थी। यह भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और विस्तार को वित्तीय सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वित्त वर्ष 2023-24 में, कफऋउ ने 26,644 करोड़ का वार्षिक कारोबार, 6,412 करोड़ का शुद्ध लाभ (ढअळ) और 49,178 करोड़ की कुल संपत्ति (ठी३ हङ्म१३ँ) दर्ज की।

अब यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा सरकारी गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान बन चुका है।

आईआरसीटीसी और कफऋउ को नवरत्न का दर्जा मिलना रेलवे क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे भारत के बुनियादी ढांचे के विकास को नई गति मिलेगी।

नवरत्न दर्जा मिलने के फायदे

1. वित्तीय स्वायत्तता

ल्ल कंपनियां संयुक्त उद्यम, अधिग्रहण और सहायक कंपनियां बनाने के लिए स्वतंत्र होंगी।

ल्ल सरकारी हस्तक्षेप के बिना बड़े निवेश कर सकेंगी।

2. परिचालन स्वतंत्रता

ल्ल कंपनियां स्वतंत्र रूप से व्यावसायिक और निवेश निर्णय ले सकेंगी।

ल्ल निजी कंपनियों की तरह प्रतिस्पर्धा कर सकेंगी।

ल्ल योग्य पेशेवरों को बाजार दर के अनुसार भर्ती करने की स्वतंत्रता मिलेगी।

3. वैश्विक विस्तार

ल्ल अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार करने, रणनीतिक साझेदार बनाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगी।

4. बेहतर बाजार स्थिति

ल्ल नवरत्न कंपनियां वित्तीय रूप से मजबूत मानी जाती हैं, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ता है।

ल्ल मजबूत वित्तीय प्रदर्शन के कारण, ये कंपनियां अच्छा रिटर्न  प्रदान कर सकती हैं।

Share this:

Latest Updates