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शिक्षिका की पिटाई से बिफरा झारखण्ड प्रगतिशील शिक्षक संघ, शिक्षा विभाग से की सुरक्षा देने की मांग

शिक्षिका की पिटाई से बिफरा झारखण्ड प्रगतिशील शिक्षक संघ, शिक्षा विभाग से की सुरक्षा देने की मांग

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Ranchi news: झारखण्ड प्रगतिशील शिक्षक संघ जिला ईकाई गढ़वा के जिलाध्यक्ष अरुण दुबे और जिला सचिव विशाल प्रताप देव ने अभिभावकों द्वारा उत्क्रमित मध्य विद्यालय मल्लाह टोली जरही डंडई की शिक्षिका कुमारी पूनम भारती को पीटे जाने की घटना को बेहद शर्मनाक बताते हुए कड़ा ऐतराज जताया है। संघ के दोनों पदाधिकारियों ने शिक्षा विभाग के कार्यकलापों और समाज में दूषित माहौल पर गहरी चिन्ता व्यक्त की।

पहले भी ग्रामीण और अभिभावक कर चुके हैं ऐसा कृत्य 

इस बाबत जिलाध्यक्ष अरुण दुबे एवं जिला सचिव विशाल प्रताप देव ने संयुक्त रूप ने कहा कि गढ़वा जिले में ग्रामीणों/अभिभावकों के द्वारा विद्यालयों में जाकर शिक्षकों के साथ गाली गलौज, अमर्यादित व्यवहार एवं अप्रत्याशित कृत्य मारपीट तक कर देना कोई नई घटना नहीं है। इस घटना से पूर्व भी मेराल प्रखण्ड के अन्तर्गत मध्य विद्यालय बिकताम के सरकारी शिक्षक ओमप्रकाश कुमार पर भी विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों/ग्रामीणों के द्वारा शैक्षणिक अवधि में ही मारपीट और गाली गलौज किया गया। शिक्षा विभाग ने इस पर क्या संज्ञान लिया? सिर्फ प्रभावित शिक्षक ने ही अपने बल पर प्रशासनिक मदद ली। इस प्रकरण में भी प्रभावित शिक्षिका जो झारखण्ड प्रगतिशील शिक्षक संघ की प्रखण्ड डंडई की प्रखण्ड अध्यक्षा भी हैं; कुमारी पूनम भारती ने भी स्वयं अपने बलबूते प्रशासनिक मदद ली है।

आखिर कब तक हमारे शिक्षक वृंद स्वयं अपनी इज्जत आबरू बचाते रहेंगे?

गौरतलब यह है कि दोनों शिक्षक अनुसूचित जाति के हैं। आखिर कब तक हमारे शिक्षक वृंद स्वयं अपनी इज्जत आबरू बचाते रहेंगे? उसी विद्यालय में उन्हें ताउम्र नौकरी करनी है; उन्हीं ग्रामीणों और अभिभावकों से प्रतिदिन सामना होना है। इन विपरीत परिस्थितियों में हमारे शिक्षकवृंद कैसे विद्यालयों में शैक्षणिक माहौल बना पायेंगे और अपनी इज्जत एवं मान प्रतिष्ठा बचा पाएंगे? जिले के लगभग तमाम शिक्षकवृंद अपनी जिम्मेवारियों एवं दायित्वों को बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। बायोमेट्रिक अटेंडेंस के चलते कई शिक्षक काल कालवित भी हो गए हैं। प्रतिदिन के विभागीय प्रतिवेदनों से मानसिक अवसाद से ग्रसित हो रहे हैं।

जो समाज शिक्षकों का मान सम्मान नहीं करता, वो समाज नष्ट हो जाता है

आखिर ऐसे दूषित वातावरण में कैसे स्वयं को सुरक्षित रख पाएंगे। जो समाज शिक्षकों का मान सम्मान नहीं करता, वो समाज नष्ट हो जाता है। शिक्षकों का यह मूल कर्त्तव्य ही है कि विद्यालयों मे अनुशासन कायम रखना और बच्चों में अवांछित गैर सामाजिक तत्वों को प्रवेश से रोकना। तो फिर अपने जिम्मेवारियों को निर्वहन करने पर पर असामाजिक तत्वों के द्वारा शिक्षकों पर हमला किया जाना क्या उचित है?

शिक्षकों को सुरक्षा प्रदान की जाए

जिलाध्यक्ष ने संयुक्त रूप से शिक्षा विभाग एवं प्रशासनिक विभाग के अधिकारियों से सादर अनुरोध किया है कि हम समस्त शिक्षकों को खासकर प्रभावित शिक्षक/शिक्षिकाओं को समुचित सुरक्षा प्रदान किया जाए और दूरस्थ पदस्थापित खासकर शिक्षिकाओं को यथासंभव  गृह प्रखण्ड के मुख्यालय में स्थित विद्यालयों में ही पदस्थापित या प्रतिनियोजित करने का कार्य करे ताकि मुक्त एवं स्वच्छ मनोमस्तिष्क से अपने जिम्मेवारियों का बखूबी निर्वहन कर सके। अन्यथा की स्थिति में हम समस्त शिक्षकवृंद  संघ के बैनर तले ऐसे मामलों में संबंधित पदाधिकारियों को पूर्व सूचना प्रेषित करते हुए आन्दोलन करने हेतु बाध्य हो जाएंगे।

    इस अवसर पर मीडिया प्रभारी पंकज कुमार भारती, मेराल प्रखण्ड सचिव ओमप्रकाश कुमार, हरिनंदन त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।

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