मुख्यमंत्री ने तीसरे चरण के “आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” कार्यक्रम में पाकुड़ वासियों को 153 करोड़ 81 लाख रुपये की 118 योजनाओं का दिया तोहफा
Ranchi news, Jharkhand news, Jharkhand latest Hindi news , Ranchi Hindi latest news : “आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” कार्यक्रम जिस मकसद से शुरू किया गया था, उसमें यह कितना प्रभावी, कारगर और सफल साबित रहा है, इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश के कई राज्य झारखंड के इस मॉडल को अपना कर गरीबों और जरूरतमंदों को उनके दरवाजे पर सरकार की सेवाओं और योजनाओं का लाभ दे रहे हैं तथा उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन पाकुड़ में शनिवार को “आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” अभियान के तीसरे चरण के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
गांव-गांव पहुंच रही सरकार की नजर
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस अभियान के पिछले दो चरणों में राज्य सरकार की आवाज और नज़रें गांव-गांव तक पहुंची हैं। लाखों लोगों को उनका हक-अधिकार मिला। यह कार्यक्रम राज्यवासियों के लिए महत्त्वपूर्ण साबित हो रहा है। पिछले दो चरणों में इस अभियान को लोगों का जिस तरह से रिस्पांस और सपोर्ट मिला, उसी के मद्देनज़र पुनः इसका तीसरा चरण शुरू किया गया है।”
दो दशकों तक नहीं दिखी गम्भीरता
मुख्यमंत्री ने कहा, “झारखंड अलग राज्य गठन के बाद पिछले दो दशकों के दौरान जन समस्याओं और लोगों की परेशानियों को दूर करने की दिशा में किसी तरह की गम्भीरता नहीं दिखी। लेकिन, हमारी सरकार लोगों तक मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने के साथ उनकी समस्याओं का समाधान कर रही है। समाज के अंतिम व्यक्ति तक उनका हक और अधिकार दे रहे हैं।”
जन आकांक्षाओं, उम्मीदों के अनुरूप बन रहीं योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार जन उम्मीदों और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य योजना बना कर उसे धरातल पर उतार रही है। आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, किसान, मजदूर, विद्यार्थी, युवा, महिला, बुजुर्ग, हर वर्ग के कल्याणार्थ योजनाएं बनायी गयी हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि वे इन योजनाओं से जुड़ें और सशक्त तथा स्वावलम्बी बनने की राह पर आगे बढ़ें।”
सरकारी कर्मियों का काम जनता की सेवा करना
मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकारी कर्मियों का काम जनता की सेवा करना है। हमारी सरकार बनने के बाद अधिकारियों की सोच में बदलाव आया है। वे गांव-गांव पहुंच रहे हैं और आपके बीच रह कर पूरी संवेदनशीलता के साथ आपकी समस्याओं को सुन रहे हैं तथा उसका समाधान भी कर रहे हैं।”
गरीबों तक योजनाओं को पहुंचाना अफसरों का दायित्व
मुख्यमंत्री ने कहा, “जिस गांव-पंचायत में जाने के लिए रास्ता तक नहीं है, वहां अधिकारी योजनाओं की गठरी लेकर पहुंच रहे हैं और आपको उससे जोड़ने का काम कर रहे हैं। यहां लगनेवाले शिविरों में अधिकारियों का दल आपकी हर समस्या के समाधान के लिए मौजूद हैं। आप इन शिविरों में आयें और योजनाओं से जुड़ें और दूसरों को भी जुड़ने के लिए प्रेरित करें।”
गरीबों के सुख-दुख में हमेशा साथ है सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह सरकार आदिवासी, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों की सरकार है। यह सरकार गरीबों के हर सुख-दु:ख में उनके साथ खड़ी है और पूरी संवेदनशीलता के साथ उनकी सेवा कर रही है।”
राज्य सरकार 08 लाख परिवारों को देगी आवास, 20 लाख अतिरिक्त हरा राशन कार्डधारी को दे रही अनाज
मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य सरकार अब अपने बलबूते अबुआ आवास योजना के तहत 08 लाख परिवारों को आवास देगी। पाकुड़ जिले में कालाजार की बीमारी आम है। यह गरीबों की बीमारी है, क्योंकि कच्चे और टूटे-फूटे मकान में रहनेवालों को यह होती है। ऐसे में अबुआ आवास योजना के तहत इन घरों में रहनेवाले लोगों को प्राथमिकता के आधार पर आवास उपलब्ध कराया जायेगा। लगभग 20 लाख अतिरिक्त हरा राशन कार्ड जारी कर उन्हें अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा भी अनेक ऐसी योजनाएं हैं, जिनका वित्तीय भार राज्य सरकार अपने दम पर वहन कर रही है। ये योजनाएं सफलतापूर्वक संचालित हों, इसके लिए वित्तीय व्यवस्था मजबूत कर रहे हैं।”
अब पेंशन के लिए इंतजार नहीं करना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बुजुर्गों को पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ता था। जब तक विधवाओं की उम्र 40 वर्ष और दिव्यांगों की उम्र 18 वर्ष से अधिक नहीं हो जाती थी, उन्हें पेंशन योजना से नहीं जोड़ा जाता था। लेकिन, हमारी सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लागू कर इन सारी बाध्यताओं को खत्म कर दिया है। आज सभी योग्य पात्रों को यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का लाभ लाभ मिल रहा है।
शिक्षा और रोजगार पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन और नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने पर सरकार का विशेष फोकस है। निजी विद्यालयों की तर्ज पर सरकारी विद्यालयों के बच्चों को शिक्षा देने के लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गये हैं। आदर्श विद्यालयों के गठन के साथ सरकारी विद्यालयों को पठन-पाठन से सम्बन्धित संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। छात्रावासों का जीर्णोद्धार हो रहा है। इसके अलावा विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी से लेकर मेडिकल इंजीनियरिंग और अन्य कोर्सेज करने के लिए आर्थिक सहायता सरकार दे रही है। वहीं, दूसरी तरफ पढ़े-लिखे और कम पढ़े-लिखे एवं स्वरोजगार के इच्छुक नौजवानों के रोजगार के लिए भी सरकार की कार्य योजना है। आज बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरी दी जा रही है, तो मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से युवाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है, ताकि वे अपना रोजगार कर सकें।
97 योजनाओं की रखी नींव, 21 का हुआ उद्घाटन
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 66 करोड़ 76 लाख 20 हज़ार रुपये की लागत से निर्मित 21 योजनाओं का उद्घाटन किया। वहीं, 97 योजनाओं की आधारशिला रखी। इन योजनाओं पर 87 करोड़ 04 लाख 80 हज़ार रुपये ख़र्च होंगे। इस तरह 153 करोड़ 81 लाख रुपये की 118 योजनाओं का तोहफा पाकुड़ वासियों को मिला। मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के 9942 लाभुकों के बीच 126 करोड़ 94 लाख 50 हज़ार रुपये की परिसम्पत्ति प्रदान कर उनके सशक्तीकरण और स्वावलम्बी बनने की राह प्रशस्त की।
कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी
इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सांसद विजय हांसदा, विधायक स्टीफन मरांडी और दिनेश विलियम मरांडी, जिला परिषद अध्यक्षा जूली ख्रिस्टमनी हेम्ब्रम, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, संथाल परगना प्रमंडल के आयुक्त लालचंद दादेल, पुलिस उप महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल और पाकुड़ जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।