Ranchi news : खनिज संपदा और जंगल से आच्छादित झारखंड के लिए अच्छी खबर है। राज्य में जंगलों से अलग भी हरियाली बढ़ी है। भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023 के आंकड़ों के मुताबिक सुरक्षित वन क्षेत्र से अलग हरियाली बढ़ाने के मामले में झारखंड का देश में पांचवां स्थान है। मिजोरम इस मामले में टाप पर है। राज्य में वन क्षेत्र से अलग हरियाली के मामले में 52.72 प्रति वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने 21 जनवरी को देहरादून में देशभर के वनों से जुड़ी सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की।
सालभर में 45 वर्ग किमी वन क्षेत्र की राज्य में हुई वृद्धि
झारखंड में 23 हजार 765.78 वर्ग किलोमीटर का वन क्षेत्र है, जो कुल उपलब्ध भूमि का 29.81 प्रतिशत है। साल 2021 की सर्वे रिपोर्ट में यह आंकड़ा 23 हजार 721 वर्ग किलोमीटर का था। यानी साल भर में कुल 45 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र की वृद्धि राज्य में हुई है। धनबाद में सधन वन क्षेत्र शून्य के आंकड़े पर पहुंचा, लातेहार में 2383 वर्ग किलोमीटर
सघन वन क्षेत्र में भी बढ़ोतरी नहीं
वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023 के मुताबिक धनबाद जिला में सधन वन क्षेत्र शून्य के आंकड़े पर पहुंच गया है। जबकि, लातेहार में 2383 वर्ग किलोमीटर का सघन वन क्षेत्र मौजूद है। राज्य में 137.95 वर्ग किलोमीटर का वन क्षेत्र ऐसा है, जहां प्राकृतिक तौर पर बांस पाया जाता है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने बांस का आच्छादन क्षेत्र बढ़ाया है। जबकि, झारखंड ने बांस की उत्पादकता में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। हालांकि, राज्य सरकार बांस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए लगातार योजना चला रही है। लेकिन, जंगल से अलग इसके रोपन और उत्पादन में अभी बड़ी सफलता नहीं मिली है।
सिमडेगा में कम हुई जंगल में 2022-23 में 542 बार आग, पिछले साल महज 27 बार
भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023 के मुताबिक सिमडेगा जिले में जंगल में आग लगने की घटना मे भारी कमी हुई है। साल 2022-23 में यहां आग लगने की 542 घटना रिकार्ड की गई थी, जो घटकर 2023-2024 में 27 रह गई है। हजारीबाग में जंगल में आग लगने की घटना 682 से घटकर 513 हुई है।