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महाकुंभ हादसा : न्यायिक आयोग के सवालों के जवाब नहीं दे पाए अफसर

महाकुंभ हादसा : न्यायिक आयोग के सवालों के जवाब नहीं दे पाए अफसर

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महाकुम्भ में कहां-कहां घटना हुई, सभी सीसीटीवी फुटेज दिखाइए

Prayagraj news : महाकुम्भ में मौनी अमावस्या को हुए हादसे की जांच करने शुक्रवार को पहुंचे न्यायिक जांच आयोग के सख्त सवालों का जवाब देने में अफसरों के पसीने छूट रहे थे। 29 जनवरी को पवित्र अमृत स्नान से पहले हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।  न्यायिक आयोग की टीम शुक्रवार को ढाई बजे प्रयागराज पहुंची। आयोग में रिटायर्ड जज हर्ष कुमार के अलावा पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह शामिल हैं। आयोग ने जाते ही अपना काम शुरू कर दिया। सर्किट हाउस में न्यायिक आयोग के तीनों सदस्यों ने मेला से जुड़े अफसरों के साथ बैठक की। इसमें कमिश्नर प्रयागराज जोन विजय विश्वास पंत, मेला अधिकारी विजय किरन आनंद, एडीजी प्रयागराज जोन भानु भास्कर, डीआईजी वैभव कृष्ण के साथ ही पुलिस के अन्य अफसर शामिल थे।

विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि मेला से जुड़े अधिकारी आयोग के सवालों का सही से जवाब तक नहीं दे पाए। सभी अधिकारी अपने कामों की वाहवाही करने में ही जुटे थे। इस पर आयोग ने कहा कि अगर सब ठीक था तो भगदड़ कैसे हुई?

आयोग के सख्त सवाल

जब आपको पता था कि इतनी ज्यादा संख्या में भीड़ आने वाली है, तो सुरक्षा के इंतजाम क्या किए थे?

यह घटना संगम क्षेत्र के अलावा और कहां-कहां हुई?

मीडिया में जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनकी क्या हकीकत है? क्या झूंसी में भी कोई घटना हुई है?

सभी घटनाओं के सीसीटीवी फुटेज दिखाइए। भीड़ कंट्रोल के लिए बनाई प्लानिंग का विवरण दीजिए।

हादसे की सच्चाई छिपाना अपराधb: अखिलेश

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि हादसों की सच्चाई और आंकड़े छिपाना एक अपराध है। हजारों करोड़ रुपए प्रचार और दुर्घटना की खबरें दबाने के लिए बहाए जा रहे हैं, लेकिन, पीड़ितों पर कुछ करोड़ खर्च करने से सरकार पीछे क्यों हट रही?

सीबीआई जांच को हाईकोर्ट में लेटर पिटीशन

इलाहाबाद हाईकोर्ट में लेटर पिटीशन दाखिल कर महाकुम्भ भगदड़ की सीबीआई जांच की मांग की गई है। वकील गौरव द्विवेदी के अनुसार, लेटर पिटीशन में चीफ जस्टिस से घटना का संज्ञान लेते हुए जल्द सुनवाई की मांग की गई है। सोनभद्र के रिटायर डिप्टी डायरेक्टर सेंट्रल वाटर कमीशन राय चंद्र द्विवेदी की ओर से दाखिल लेटर पिटीशन में कहा गया है कि हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई। भगदड़ में 90 लोग घायल हुए थे। लेटर पिटीशन में घटना के दोषी अधिकारियों को निलंबित किए जाने की मांग की गई है। साथ ही आगामी स्नान पर्वों के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त किए जाने का निर्देश दिए जाने की भी मांग की गई है।

31 करोड़ की डुबकी

13 जनवरी से अब तक महाकुम्भ में 31 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र स्नान कर लिया है। महाकुम्भ के 19वें दिन शुक्रवार को खबर लिखे जाने तक 1.40 करोड़ लोग स्नान कर चुके थे।

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