New Delhi news : केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने युवा और नवोदित लेखकों को प्रशिक्षित करने और भारतीय लेखन को वैश्विक स्तर पर पेश करने के लिए एक लेखक परामर्श कार्यक्रम प्रधानमंत्री योजना (पीएम-युवा 3.0) शुरू किया। इसमें 30 वर्ष से कम आयु के युवा हिस्सा ले सकते हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि 22 विभिन्न भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में युवा एवं उभरते लेखकों की बड़े पैमाने पर भागीदारी के साथ पीएम-युवा योजना के पहले दो संस्करणों के महत्त्वपूर्ण प्रभाव को देखते हुए अब पीएम-युवा 3.0 लॉन्च किया गया है।
10 अप्रैल तक आयोजित अखिल भारतीय प्रतियोगिता से कुल 50 लेखकों का चयन किया जायेगा। इसमें राष्ट्र निर्माण में प्रवासी भारतीयों का योगदान – 10 लेखक, भारतीय ज्ञान प्रणाली – 20 लेखक, आधुनिक भारत के निर्माता (1950-2025) – 20 लेखक होंगे। प्राप्त प्रस्तावों का मूल्यांकन अप्रैल में किया जायेगा। चयनित लेखकों की सूची मई-जून में घोषित की जायेगी। युवा लेखकों को 30 जून से 30 दिसम्बर तक प्रतिष्ठित लेखकों और मार्गदर्शकों द्वारा प्रशिक्षित किया जायेगा। मार्गदर्शक के तहत एक राष्ट्रीय शिविर नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2026 के दौरान पीएम-युवा 3.0 लेखकों के लिए आयोजित किया जायेगा।
पीएम-युवा 3.0 का उद्देश्य लेखकों की युवा पीढ़ी के दृष्टिकोण को राष्ट्र निर्माण में प्रवासी भारतीयों का योगदान, भारतीय ज्ञान प्रणाली और आधुनिक भारत के निमार्ता जैसे विषयों के माध्यम से सामने लाना है। इस प्रकार यह योजना लेखकों की एक धारा विकसित करने में मदद करेगी, जो भारतीय विरासत, संस्कृति और ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विषयों पर लिख सकेंगे।
शिक्षा मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में योजना का चरणबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा। इस योजना के अंतर्गत तैयार की गयी पुस्तकों को एनबीटी द्वारा प्रकाशित किया जायेगा और अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवादित किया जायेगा। चयनित युवा लेखक प्रतिष्ठित लेखकों के साथ जुड़ेंगे, साहित्यिक उत्सवों में भाग लेंगे और भारत की समृद्ध विरासत और समकालीन प्रगति को दशार्ने वाले विविध कार्यों में योगदान देंगे।