▪︎ 50 लाख कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनधारकों को मिलेगा लाभ
New Delhi News: मोदी सरकार ने गुरुवार को एक बड़े निर्णय के तहत केन्द्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। मोदी सरकार के इस कदम से करीब 50 लाख कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनधारकों को लाभ होगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठवें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि 7वें वेतन आयोग का गठन 2014 में किया गया था और इसकी सिफारिशें 01 जनवरी, 2016 से लागू हुई थीं और इसका कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए आठवें केन्द्रीय वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द होगी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 2025 में नये वेतन आयोग के गठन से यह सुनिश्चित होगा कि सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल पूरा होने से पहले इसकी सिफारिशें प्राप्त हो जायें।
केन्द्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मियों को लाभ होगा
केन्द्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों और अन्य पक्षों के साथ परामर्श किया जायेगा। मोदी सरकार के इस कदम से रक्षा क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों सहित केन्द्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मियों को लाभ होगा। साथ ही, लगभग 65 लाख पेंशनधारकों की पेंशन में भी बढ़ोतरी होगी। इससे दिल्ली के करीब 04 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। इसमें रक्षा और दिल्ली सरकार के कर्मचारी शामिल हैं। (आमतौर पर, दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के वेतन में केन्द्रीय वेतन आयोग के साथ वृद्धि होती है।) इससे सरकारी कर्मचारियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ उपभोग और आर्थिक वृद्धि को महत्त्वपूर्ण गति मिलेगी।
केन्द्र सरकार हर 10 साल में एक आयोग का गठन करती है
सरकारी कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा के लिए केन्द्र सरकार हर 10 साल में एक आयोग का गठन करती है, जो मुद्रास्फीति के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों के वेतन याने बेसिक सैलरी, भत्तों को बढ़ाने की अनुशंसा करता है। वेतन आयोग की सिफारिशों पर ही सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन में परिवर्तन करती है।
वेतन आयोग की सिफारिशों से सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि होती है। पिछले कुछ वेतन आयोगों, खासकर 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद, सरकारी कर्मचारियों के वेतन में खासी बढ़ोतरी हुई, जिसके चलते युवाओं में एक बार फिर सरकारी नौकरियों को लेकर उत्साह देखा गया। इससे कॉरपोरेट सेक्टर में नौकरी करने की इच्छा रखनेवाला टेलेंट, सरकारी सेवा में आना शुरू हुआ। इसका कारण सरकारी नौकरी में जॉब सिक्योरिटी के साथ-साथ वेतन भी निजी क्षेत्र की बड़ी कम्पनियों के समतुल्य होता दिखा।