Bollywood news, Mumbai news : हैदराबाद से एक युवक बॉलीवुड में आता है लंबे समय तक संघर्ष करता है लेकिन खलनायक की के क्षेत्र में ऐसी दाग जमता है की सब लोग दंग रह जाते हैं। इस शख्स का नाम है अजीत खान। असली नाम हामिद अली खान था, खुद ही बॉलीवुड में अपना नाम अजीत खान और केवल अजीत रख लिया था। बोलने का अंदाज और आवाज के टोन में लाजवाब कशिश। ऐसा विलन जिसके सामने कभी कोई हीरो अभी नहीं हो सका। यही है अजीत की पहचान। पर्दे पर हीरो को भी नसीहत देने वाला। वह डायलॉग याद कीजिए- मोना यह लो सोना और उनसे उम्र से बढ़कर नहीं करते कोई बात।
घर से भाग कर आए थे मुंबई
आज से 27 साल पहले 76 साल की उम्र में जिस एक्टर ने दुनिया छोड़ दी हो, उसकी आवाज के दीवाने अभी भी लाखों में लोग। 200 फिल्मों में काम करने वाले अजीत आज भी फिल्म इंडस्ट्री के लिए अपने परफॉर्मेंस के मामले में याद किए जाते हैं। फिल्मी जीवन की शुरुआत वर्ष 1946 में प्रदर्शित फिल्म ‘शाह-ए- मिस्र’ से की थी। कहा जाता है की बचपन से ही उनमें एक्टिंग का शौक था। हैदराबाद से भाग कर वह मुंबई आए थे और लंबे समय तक सीमेंट से बनने वाले पाइप में रहकर जिंदगी गुजर रही थी। संघर्ष किया था, उसके बाद नया मुकाम हासिल कर सके। उनके पिता बशीर अली खान हैदराबाद में निजाम की सेना में काम करते थे। अजीत ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आंध्रप्रदेश के वारंगल जिले के गवर्मेंट जूनियर कॉलेज हनामकोंडा से पूरी की थी।
अपने डायलॉग के लिए किए जाते हैं याद
यह मशहूर है कि कभी वह हीरो से कहते, आशीर्वाद तो बड़े देते हैं, हम तो सिर्फ राय देते हैं। वह हीरो से ये बी कहा करते थे, उम्र से बढ़कर बातें नहीं करते। बेशक अजीत के डायलॉग्स के आगे सभी फेल थे और आज लोग उन्हें उनकी डायलॉग्स की वजह से ही याद करते रहते हैं।