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मातृभाषा वह दर्पण है, जिसमें झलकती है व्यक्ति की संस्कृति व सभ्यता: सुशील कुमार पांडेय

मातृभाषा वह दर्पण है, जिसमें झलकती है व्यक्ति की संस्कृति व सभ्यता: सुशील कुमार पांडेय

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Motihari News: मातृभाषा वह दर्पण है, जिसमें व्यक्ति की संस्कृति एवं सभ्यता झलकती है। मातृभाषा संस्कारों की संवाहक है। इसके बिना किसी भी राष्ट्र की संस्कृति की कल्पना नहीं की जा सकती है। मातृभाषा हमें राष्ट्रीयता से जोड़ती है और देश प्रेम की भावना उत्प्रेरित करती है।

मातृभाषा दिवस समारोह आयोजित

शुक्रवार को स्थानीय आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय परिसर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्राचार्य सुशील कुमार पांडेय ने उद्गार व्यक्त की। इस मौके पर प्रो. अरुण कुमार तिवारी, सुधीर दत्त पाराशर, राजन पांडेय, रुपेश ओझा, विकास पांडेय, कुंदन पाठक, अधिवक्ता आलोक चन्द्र आदि ने भी अपने विचार रखें।

विभिन्न प्रतियोगिताएं हुईं आयोजित

 इस अवसर पर वेद विद्यालय के छात्रों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। कार्यक्रम का संचालन राकेश तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन विनोद पाण्डेय ने किया। मौके पर सुधाकर पाण्डेय, गायत्री पाण्डेय, कुमारी पूनम, सुजीत मिश्र, सुनिल उपाध्याय, विजय कुमार, अरुण तिवारी सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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