Health tips, Lifestyle : अपने अच्छे हेल्थ के प्रति तो हमें सचेत रहना ही चाहिए, लेकिन यह जानना जरूरी है कि अधिक से अधिक पौधों का जिंदा रहना हमारे जीवन के लिए कितना जरूरी है। आजकल सामान्य तरह से देखा जाता है कि सभी तरह के लोग थोड़ी बहुत गार्डनिंग करते हैं। अपनी पसंद के पौधे गमलों में लगाते हैं। लेकिन, कभी-कभार पौधों का ठीक से विकास नहीं हो पाता है। पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं। फूल नहीं आते हैं। मिट्टी की उर्वरा शक्ति घट जाती है। ऐसे में जरूरी होता है कि आसानी से इन समस्याओं को कैसे दूर किया जाए। जानकार बताते हैं कि अगर मिट्टी में गुड का घोल संतुलित अमाउंट में डाला जाए तो मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है और पौधों के सभी अंगों को आसानी से पोषक तत्व मिल जाते हैं।
पौधों के लिए अमृत है गुड़
अब कुछ लोग यह आसानी से आश्चर्य करेंगे कि आखिर गुड़ में ऐसा क्या है कि मिट्टी में डाल देने से इसकी उर्वरा शक्ति बढ़ेगी और उसके प्रयोग से पौधों का स्वाभाविक विकास हो सकेगा। दूसरी बात यह कि अगर मिट्टी में गुड़ मिला दिया जाए तो उसमें चींटी भी तो लग सकती है। शायद आप नहीं जानते होंगे कि गुड़ में फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, लौह, जिंक, कैल्शियम, पोटैशियम, तांबा, फॉलिक एसिड जैसे तमाम तत्व पाए जाते हैं, जो पौधों को पोषक तत्व के रूप में गुड़ के माध्यम से प्राप्त होंगे। अगर आप मिट्टी के अमाउंट के अनुसार उसमें गुड़ मिलाएं तो चींटी लगने की कोई संभावना नहीं है। जैसे दूध बच्चों के लिए अमृत के समान है, वैसे ही यह गुड़ पौधों के लिए अमृत के समान काम करेगा।
इस प्रकार बनाएं घोल और करें प्रयोग
सबसे पहले 1 लीटर पानी में 15 से 20 ग्राम गुड़ को घोल दें। फिर इस लिक्विड को महीने में करीब 100ml हर पौधे में डालें। गुड़ डालने से मिट्टी का टेक्सचर बेहतर हो जाता है। गुड़ के पोषक तत्व मिट्टी की फर्टिलिटी बढ़ाएंगे। गोबर की खाद और कंपोज में भी गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं। गुड़ में मौजूद पौटेशियम और आयरन पौधों को मजबूती देंगे।