Motihari news: बसंत पंचमी एवं सरस्वती पूजनोत्सव का प्रसिद्ध व सर्वमान्य पर्व सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवती सरस्वती पूजन के लिए प्रातःकाल से सायंकाल तक का समय शुभ है।
प्रतिमा स्थापित करेंगे पूजा-अर्चना
इस दिन वागीश्वरी जयंती, वाणी पूजा, बसन्तोत्सव, रतिकाम महोत्सव आदि के साथ विद्यानुरागी श्रद्धालु मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना करते हैं। यह प्रकृति के उत्सव का पर्व है। यह जानकारी महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पांडेय ने दी।
बसंत ऋतु के आगमन का मिलने लगता है संकेत
उन्होंने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार वाग्देवी सरस्वती ब्रह्म स्वरूपा, कामधेनु तथा समस्त देवों की प्रतिनिधि मानी गई हैं और यही विद्या, बुद्धि एवं ज्ञान सहित अनंत गुणशालिनी देवी सरस्वती हैं। बसंत पंचमी के दिन से ही बसंत ऋतु के आगमन का संकेत मिलने लगता है।
स्मरण शक्ति होती है तीव्र
इसी समय से शान्त, ठंडी और मन्द वायु कटु शीत का स्थान ले लेती हैं और सबों को नव प्राण व उत्साह से आनंदित करती है। इस दिन व्रत रखकर सरस्वती पूजन करने से वाणी मधुर होती है। स्मरण शक्ति तीव्र होती है और विद्या में कुशलता प्राप्त होती है।