Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

Motihari News: सिमुलतला प्रारंभिक प्रवेश परीक्षा में द्रोण प्रेप पब्लिक स्कूल के चार बच्चों को मिली सफलता

Motihari News: सिमुलतला प्रारंभिक प्रवेश परीक्षा में द्रोण प्रेप पब्लिक स्कूल के चार बच्चों को मिली सफलता

Share this:

Motihari news: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सिमुलतला आवासीय विद्यालय, जमुई में कक्षा छह (सत्र 2025-26) में नामांकन के लिए प्रारंभिक प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। जारी रिजल्ट में शहर अंतर्गत द्रोण प्रेप पब्लिक स्कूल का प्रदर्शन शानदार रहा। स्कूल में अध्ययनरत चार विद्यार्थियों ने सिमुलतला की प्रवेश परीक्षा में बाजी मार ली है। विदित हो कि स्थापना काल के बाद अब तक सैनिक, नवोदय व सिमुलतला की प्रारंभिक परीक्षा में द्रोण प्रेप पब्लिक स्कूल के सैकड़ों विद्यार्थियों ने बाजी मारी है।

दौड़ पड़ी खुशी की लहर

इसमें राजा बाजार निवासी विशाखा भारती, अंबिका नगर निवासी कृष कुमार, शांतिपुरी मुहल्ला निवासी प्रवीर राय व इंग्लिस पहाड़पुर निवासी शिवम कुमार शामिल है। स्कूल के बच्चों को प्रारंभिक परीक्षा में मिली सफलता के बाद बुद्धिजीवी व अभिभावकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।

IMG 20241211 WA0003

बच्चों को कराया गया मुंह मीठा

बच्चों की सफलता में विद्यालय विशेष की बड़ी उपलब्धि है। शिक्षकों ने चयनित सभी बच्चों को मुंह मीठा कराया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। गौरतलब कि स्थापना काल के बाद अब तक दो दर्जन से अधिक बच्चों ने सिमुलतला की प्रवेश परीक्षा में क्वालीफाई किया है। द्रोण प्रेप पब्लिक स्कूल के प्राचार्य आदित्य सिंह ने बच्चों को मिली सफलता को बड़ी उपलब्धि बताया।

12वीं कक्षा तक के छात्रों की होती है पढ़ाई

सिमुलतला आवासीय विद्यालय सरकारी है। विद्यालय में छठी कक्षा से 12वीं कक्षा तक के छात्रों की पढ़ाई होती है। प्रत्येक वर्ष अंतरराज्यीय प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर छात्रों का चयन किया जाता है।

अभिभावक व शिक्षकों का योगदान महत्वपूर्ण

द्रोण प्रेप पब्लिक स्कूल के निदेशक सतेंद्र सिंह व प्राचार्य आदित्य सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि छात्रों को सफलता उनकी खुद की मेहनत से मिली है, इसमें कोई शक नहीं। लेकिन इस सफलता के पीछे अभिभावक व शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए उन्हें कभी भूलना नहीं चाहिए। अभिभावकों ने अपने बच्चों को पढ़ाई का बेहतर माहौल दिया और उनकी जरूरतों को पूरा किया। इसी तरह शिक्षकों ने क्या सही है और क्या गलत इसकी सीख दी। इसी की बदौलत छात्र-छात्राओं ने सफलता की सीढियां चढ़ी।

सफलता के क्रम को रखें बरकरार

विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को यहीं रुकना नहीं है, बल्कि अपनी सफलता के क्रम को बरकरार रखना है। उन्होंने कहा कि कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता। यदि पूरी तैयारी के साथ उसे पाने का प्रयास किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है।

Share this: