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एमवीआई बिना जांच किये नहीं दें फिटनेस : दीपक बिरुआ

एमवीआई बिना जांच किये नहीं दें फिटनेस : दीपक बिरुआ

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ड्राइविंग लाइसेंस देने की प्रक्रियाओं में भी लायें सुधार, सड़क सुरक्षा व ड्राइविंग सम्बन्धित जानकारियां बच्चों के सिलेबस में होंगे शामिल

Ranchi news : परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा है कि एमवीआई फिटनेस देने में सावधानी बरतें। साथ ही, ड्राइविंग लाइसेंस देने की सभी प्रक्रियाओं को भी सही तरीके से फॉलो किया जाये, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी आये। वह शुक्रवार को होटल रेडिशन ब्लू रांची में परिवहन विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार सड़क सुरक्षा 2025 कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

सड़क दुर्घटना और ड्राइविंग सम्बन्धित बातों को अब छात्रों के सिलेबस में किया जायेगा शामिल

मंत्री दीपक बिरुवा ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस देने की प्रक्रिया को सही तरीके से फॉलो नहीं करने से बहुत सारे लोग ड्राइविंग सीट पर तो बैठ जाते हैं, लेकिन वाहन चलाने की तकनीकी चीजों को नहीं जानते और समझते, जिससे सड़क दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। इसलिए सड़क दुर्घटना और ड्राइविंग सम्बन्धित बातों को अब छात्रों के सिलेबस में शामिल किया जायेगा, ताकि भविष्य में हमारे बच्चे ड्राइविंग सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण बातों को आत्मसात कर आनेवाले समय में सुरक्षित और बेहतर तरीके से वाहन चला सकेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से बात करेंगे। लोग सड़क सुरक्षा की बातों को अपनी आदत में डालेंगे, तो दुर्घटनाओं में कमी आयेगी।

एमवीआई फिटनेस देने में कोताही न बरतें

मंत्री दीपक बिरुवा ने कहा कि एमवीआई जिस तरह बिना सोचे-समझे या बिना जांच किये या फिर अन्य कारणों से फिटनेस दे देते हैं, वह नहीं होना चाहिए। यह दुर्घटनाओं को आमंत्रित करता है और सड़क दुर्घटना होने का बहुत बड़ा कारण है। मंत्री ने कहा कि बहुत सारी खामियां हैं, जिन पर विभाग ध्यान दे, ताकि झारखण्ड में होनेवाली सड़क दुर्घटना में कमी लायी जा सके।

सड़क सुरक्षा पर विभाग करे व्यापक प्रचार-प्रसार

मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर और अधिक प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता है। सामूहिक जिम्मेवारी के तहत इस पर काम किया जाये।

सड़क दुर्घटना पर आये मन्तव्यों को करेंगे आत्मसात 

मंत्री दीपक बिरुवा ने कहा कि सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में होनेवाले प्रयासों को देखा जाये, तो आंकड़ों के हिसाब से सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु की संख्या अधिक है और घायलों की संख्या कम है।…तो, इस पर निश्चित तौर पर स्वास्थ्य विभाग, इंजीनियरिंग सेल समेत अन्य सेक्टर को बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है। हम प्रयास करेंगे सड़क सुरक्षा सम्बन्धित चीजों को लेकर आज जिस तरह से चर्चा होगी, एक्सपर्ट के तमाम राय आदि महत्त्वपूर्ण सुझावों व मंतव्य पर विभाग इसमें नये तरीके अपनाते हुए सड़क सुरक्षा के नियमों को सार्थक बनायें। आप सबों के सुझाव को सरकार आत्मसात कर बेहतर काम करेगी, ताकि सड़क सुरक्षा पर व्यापक काम किया जा सके।

रेस्क्यू पार्ट को न करें नजर अंदाज : कृपानंद झा

मौके पर विभागीय सचिव कृष्णानंद झा ने कहा कि सड़क दुर्घटना में रेस्क्यू पार्ट को कभी भी नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सड़क हादसे के साथ ही एम्बुलेंस, ट्रॉमा सेंटर तैयार है या नहीं ; ध्यान दें। पलटे हुए वाहन को यदि गैस कटर आदि से काटने की नौबत आये, तो तत्काल सम्बन्धित सामग्री कैसे मिले, ताकि लोगों की जानें बचायी जा सकें। इन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इंश्योरेंस क्लेम करने में वकीलों के अधिक चार्ज होने के कारण लोगों को परेशानी होती है। इस पर डालसा या झालसा से मिल कर काम करने की आवश्यकता है, ताकि दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार को जल्द राहत मिल सके। सचिव ने कहा कि कई एक बार सड़क किनारे सिग्नल नहीं होने के कारण भी लोग दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।…और, स्पीड होने की बात कह कर सड़क दुर्घटना को टाला जाता है। लेकिन, इसमें इंजीनियर को खास तौर पर ध्यान देने की आवश्यकता है। सड़क में कहां, कौन-सा सिग्नल लगाया जाये। उन्होंने रोड सेफ्टी के तहत चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि छोटे या बड़े किसी भी तरह के सड़क हादसे को लेकर डाटा कैप्चर नहीं होता है ; यह एक विडम्बना है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

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