National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news, Bengaluru news, chandrayan -3, ISRO news : भारत ने चांद के दक्षिणी हिस्से में चंद्रयान-3 की लैंडिंग पिछले 23 अगस्त को करवा कर दुनियाभर में कृतिमान स्थापित किया था। चंद्रयान के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की जमीन पर सौरमंडल निर्माण के रहस्य, पानी और कई खनिजों पर रिसर्च किया था। अब ISRO ने इस कार्यक्रम को लेकर एक और बड़ी जानकारी साझा की है। चंद्रयान-3 का एक महत्वपूर्ण भाग वापस पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गया है।
क्रायोजेनिक हिस्सा वापस आया
इस बाबत ISRO ने बताया कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को तय कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने वाले एलवीएम3 एम4 प्रक्षेपण यान का ‘क्रायोजेनिक’ का ऊपरी हिस्सा बुधवार को पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित होकर फिर से प्रवेश कर गया है। रॉकेट बॉडी जो कि चंद्रयान-3 यान का हिस्सा था, वह पृथ्वी के वायुमंडल में वापस से प्रवेश कर गया है।
टूटा हुआ हिस्सा भारत के ऊपर से नहीं गुजरा
ISRO के अनुसार चंद्रयान-3 के इस हिस्से का अंतिम ‘ग्राउंड ट्रैक’ भारत के ऊपर से नहीं गुजरा है। इसके संभावित प्रभाव बिंदु का अनुमान उत्तरी प्रशांत महासागर के ऊपर लगाया गया है। गौरतलब है कि रॉकेट बॉडी के फिर से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश प्रक्षेपण के 124 दिनों के अंदर हुई है।
अभी कहां हैं विक्रम और प्रज्ञान?
लैंडर विक्रम व प्रज्ञान रोवर ने अपने मिशन को सफलता से अंजाम देकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कई अहम जानकारियां जुटाई थीं। चंद्रमा पर अंधेरे का समय आने के बाद इसरो ने दोनों उपकरणों को स्लीप मोड में कर दिया था। वैसे विक्रम लैंडर के रिसीवर को ऑन ही रखा गया था, ताकि इससे धरती से दोबारा संपर्क स्थापित किया जा सके।