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30 मार्च को नववर्ष, 3 अप्रैल छठ, 6 को रामनवमी

30 मार्च को नववर्ष, 3 अप्रैल छठ, 6 को रामनवमी

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Ranchi news : 30 मार्च 2025  से हिंदू संवत्सर 2082 का शुभारंभ होगा। इसी दिन शक 1947 होगा। इसका नाम सिद्धार्थ / कालयुक्त  होगा, जो संवत्सर चक्र के साठ में तेरहवीं है। इसकी अवधि 30 अप्रैल 2025 से 19 मार्च 2026 तक होगी। इसे पहले कलियुग का 5127 साल चलेगा। अगली होली 4 मार्च 2026 को होगी, झारखंड के प्रख्यात ज्योतिष, कर्मकांड के विद्वान पं रामदेव पांडेय  के अनुसार 30 मार्च को दिन 2:14 तक प्रतिपदा है।

कब क्या

30 मार्च-रविवार

प्रतिपदा- दोपहर 2:14 तक – बासन्तिक नवरात्र कलश स्थापन, शैलपुत्री पूजन

31 मार्च- ब्राह्मचारिणी पूजन, ईद

1 अप्रैल- छठ नहाय खाय

2 अप्रैल- छठ नोहण्डा

3 अप्रैल  – गुरुवार- छठ   सूर्यास्त 6:10, सूर्योदय 5:50

6 अप्रैल- रविवार- रामनवमी रात 11:15 तक , पुष्य नक्षत्र सुबह 9:42 से ,

7 अप्रैल- धर्म राज दशमी,  नवरात्र पारण,  

12 अप्रैल- चैत्र पूर्णिमा,  हनुमान जयन्ती।

यह भी जानें

इस 2082 संवत्सर का राजा और मंत्री सुर्य हैं। विश्व में सामरिक गतिविधि तेज होगी। अरब (फारस) के आसपास के देशो मे सैन्य संघर्ष और नागरिक उत्पीड़न होगा। भारत में धार्मिक विषयों मे तेजी आएगी।

कृषि उपज का स्वामी बुध और रस का स्वामी शुक्र होगा।

●चन्द्र ग्रहण- भारत मे चार ग्रहण मे दो चन्द्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 और 3 मार्च 2026 को ही प्रभावित होगा और दिखेगा।

● गुरु  14 मई 2025 को मिथुन राशि में आयेंगे।

18 अक्तूबर 2025 को कर्क राशि मे जाएंगे।

11 नवंबर 2025 से 5 दिसंबर तक मिथुन में वक्री रहेंगे।

11 मार्च 2026 को गुरु मार्गी होंगे। गुरु के तीन गोचर काल का फल तीनों  समय राशि पर फल अलग अलग मिलेगा। मेष, सिंह, धनु,  वृश्चिक मिथुन और मकर के लिए संघर्ष  और वृष, कन्या ,कुम्भ,  कर्क, तुला और मीन के लिए साल सरस रहेगा।

● शनि – 29 मार्च 2025  को मीन राशि मे आएगें। 14 जुलाई 2025 को वक्री होकर कुम्भ मे जांएगे। 18 नवंबर 2025 को पुनः मार्गी होकर मीन मे आएंगे।

साढ़े साती  रहेगी- कुम्भ, मीन और मेष शनि ढैय्या रहेंगे। वृश्चिक और कर्क, धनु ,सिंह राशि को भी शनि का गोचर प्रभावित करेगा।

मेष राशि का सिर, मीन का पेट और हदय, कुम्भ का पैर प्रभावित होगा।

राहु:- 18 मई 2025 को राहु कुम्भ राशि मे जाएंगे।  वर्ष में शनि, गुरु और राहु अधिक प्रभावित करेंगे।

तारा लगेगा- गुरु अस्त 18 जून 2025 से 7 जुलाई 2025 तक होगा।  शुक्र अस्त 12 दिसम्बर 2025 से 1 फरवरी  2026 तक होगा। इस समय विवाह आदि मुहूर्त नहीं रहता है।

विवाह मुहूर्त- बैशाख,  ज्येष्ठ, अगहन शुक्ल पक्ष, फाल्गुन।

                                                    पं रामदेव पाण्डेय

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