▪︎महाराष्ट्र में 1 सीएम, 2 डिप्टी सीएम का फॉर्मूला
Mumbai News: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद अब साफ हो गया है कि राज्य में महायुति की सरकार बनेगी। महायुति से सीएम पद के उम्मीदवार की अभी तक घोषणा नहीं हुई है। सरकार का चेहरा यानी मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए देवेन्द्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार रविवार शाम को दिल्ली पहुंचे। भाजपा आलाकमान के साथ मीटिंग के बाद सीएम के नाम का एलान हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, 01 मुख्यमंत्री और 02 डिप्टी सीएम का फॉर्मूला तय हुआ है। महायुति की पार्टियों में हर 6-7 विधायक पर एक मंत्री पद का फॉर्मूला भी फाइनल हुआ है। इस हिसाब से भाजपा के 22-24, शिंदे गुट के10-12 और अजित गुट के 08-10 विधायक मंत्री बन सकते हैं।
अजित पवार विधायक दल के नेता चुने गये
एनसीपी अजित गुट की मुंबई के देवगिरी बंगले में विधायक दल की मीटिंग हुई। इसमें अजित पवार को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। अजित पवार शाम को दिल्ली जाकर गठबंधन के सहयोगियों से सरकार गठन को लेकर चर्चा करेंगे।
एनसीपी ने ठोका सीएम पद पर दावा
महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे आने के बाद इस बात पर सियासी सरगर्मी तेज हो गयी है कि सूबे का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के नेताओं की मीटिंग हुई। बैठक के बाद एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा, आज हमारे सभी विधायक बैठक में आये। कई परिषद सदस्य भी आये और सभी ने तय किया है कि अजित पवार विधानसभा में हमारा नेतृत्व करेंगे। लेकिन, सीएम कौन होगा, तीनों पार्टियां मिल कर तय करेंगी। उन्होंने कहा कि तीनों पार्टियां एक साथ बैठ कर तय करेंगी कि हमारा नेता कौन होगा। अजित पवार भी सीएम बन सकते हैं, उनका स्ट्राइक रेट बहुत अच्छा है।
पहली बार महाराष्ट्र विस में कोई नेता विपक्ष नहीं होगा
महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति ने 80 फीसदी सीटें जीत कर इतिहास रच दिया, तो भाजपा ने 132 सीटें जीतकर अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। पार्टी अपने दम पर बहुमत से सिर्फ 13 सीटें कम है। सहयोगी शिवसेना की 57, एनसीपी (अजीत) की 41 व तीन छोटे सहयोगियों की चार सीटों के साथ महायुति ने 288 में से 234 सीटों पर बम्पर जीत हासिल की है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी (एमवीए) को झटका लगा, वह सिर्फ 50 सीटों पर सिमट गया। शरद पवार, उद्धव ठाकरे जैसे दिग्गजों को पटखनी देकर महायुति ने सात माह पहले आम चुनाव में मिली हार का बदला ले लिया। कांग्रेस के कई बड़े मोहरे धराशाई हो गये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, बाला साहेब थोराट जैसे कांग्रेस के दिग्गज नेता अपनी सीट तक नहीं बचा पाये। पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत विलासराव देशमुख के दो बेटों में एक धीरज देशमुख को हार का सामना करना पड़ा, जबकि अमित कड़े मुकाबले में जीते। उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे भी कड़े संघर्ष में ही जीत पाए। उद्धव की शिवसेना जिसने पिछली बार 16 सीटें अकेले मुम्बई में जीती थीं, वह पूरे प्रदेश में वह 20 पर ही सिमट गयी। शरद पवार 2019 की तरह किंगमेकर बनने का ख्वाब देख रहे थे, जो बिखर गया। दिवंगत एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी का बेटा जीशान व राज ठाकरे का बेटा अमित भी चुनाव हार गये।