Categories


MENU

We Are Social,
Connect With Us:

☀️
Error
Location unavailable
🗓️ Sun, Mar 30, 2025 🕒 3:59 AM

अब भारत 44 सेकेंड में 60 किमी दूर तक सात टन विस्फोटक से हमला करने में हुआ सक्षम

अब भारत 44 सेकेंड में 60 किमी दूर तक सात टन विस्फोटक से हमला करने में हुआ सक्षम

Share this:

■ तेजी से फायरिंग करते हुए रॉकेट के 216 लॉन्चर दुश्मन को बचने का कोई मौका नहीं देंगे

New Delhi News: गाइडेड पिनाका रॉकेट के सभी 12 परीक्षण पूरे होने के बाद अब भारत 44 सेकेंड में 60 किमी. दूर तक सात टन विस्फोटक से हमला करने में सक्षम हो गया है। सेना ने पहली बार वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी घुसपैठियों के ठिकानों पर इसी पिनाका मल्टीपल-बैरल रॉकेट लॉन्चर से तबाही मचायी थी। रॉकेट के 216 लॉन्चर ट्यूब 60 किलोमीटर दूर लक्ष्य पर केवल 44 सेकेंड में सात टन उच्च विस्फोटक बरसा कर दुश्मन को बचने का कोई मौका नहीं देंगे।
कारगिल युद्ध के दौरान यह हथियार प्रणाली विकास के अधीन थी, लेकिन उस समय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों के ठिकानों पर इसी से बड़े पैमाने पर तबाही मचायी थी। इससे प्रभावित होकर भारतीय सेना ने अपने सोवियत युग के एमबीआरएल ग्रैड बीएम-21 को स्वदेशी एमबीआरएल से बदलने का फैसला किया। इसी के बाद पिनाका परियोजना को पुणे में डीआरडीओ की दो प्रयोगशालाओं आमार्मेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एआरडीई) और हाई एनर्जी मैटेरियल्स रिसर्च लैबोरेटरी (एचईएमआरएल) ने निजी क्षेत्र की दो फर्मों लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) और टाटा पावर कम्पनी लिमिटेड (टीपीसीएल) के साथ साझेदारी में इसका विकास किया गया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 14 नवम्बर को भारतीय सेना की सबसे विनाशकारी फायर सपोर्ट प्रणालियों में से एक स्वदेशी निर्देशित पिनाका हथियार प्रणाली के सभी 12 उड़ान परीक्षण पूरे करने का ऐलान किया। पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लांचर (एमबीआरएल) 216 लांचर ट्यूबों के माध्यम से 44 सेकंड में 60 किमी दूर स्थित लक्ष्य तक सात टन तक विस्फोटक पहुंचा सकता है। इसकी एक इकाई में 18 लॉन्चर होते हैं, जिनमें से प्रत्येक 12 लॉन्चर ट्यूबों से दुश्मन पर फायरिंग की जा सकती है। तेजी से फायरिंग करते हुए ये 216 लॉन्चर ट्यूब 60 किलोमीटर दूर एक लक्ष्य पर केवल 44 सेकंड में सात टन उच्च विस्फोटक बरसा सकते हैं, जिससे दुश्मन सैनिकों को बचने का मौका भी नहीं मिलता है।
भगवान शिव के प्रसिद्ध धनुष ‘पिनाक’ के नाम पर विकसित पिनाका हथियार प्रणाली पूरी कार्रवाई में महज तीन मिनट का समय लेती है। सेना के पास पहले से 10 पिनाका रेजिमेंट हैं, जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने लंबी दूरी की पिनाका मार्क कक एमएलआरएस की 12 इकाइयों के लिए अगस्त, 2020 में 2,580 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे। कुल 22 पिनाका रेजिमेंट की लागत 21 हजार करोड़ रुपये होगी। लॉन्चर उत्पादन एजेंसियों ने अपग्रेड किये गये लॉन्चरों से सभी उड़ान परीक्षण तीन चरणों में विभिन्न फील्ड फायरिंग रेंजों में किए हैं। पिनाका रॉकेट के सभी 12 परीक्षण पूरे होने के बाद अब इनके उत्पादन का रास्ता साफ हो गया है।

Share this:

Latest Updates