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अब सुदूर क्षेत्र के लोगों को भी डिजिटल क्रांति से जुड़ने का मिलेगा मौका

अब सुदूर क्षेत्र के लोगों को भी डिजिटल क्रांति से जुड़ने का मिलेगा मौका

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▪︎ भारत-चीन सीमा पर आयेगी डिजिटल क्रांति

▪︎ 05 महीनों के भीतर लगाये गये 42 मोबाइल टावर

▪︎ कारगिल, सियाचिन, डेमचोक, डीबीओ और गलवान के दूरदराज के इलाके में हुई इंटरनेट कनेक्टिविटी


New Delhi News: भारतीय सेना को चीन सीमा पर लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों और दूरदराज के गांवों को 4जी मोबाइल कनेक्टिविटी मिलने लगी है, जिससे अब सुदूर क्षेत्र के लोगों को भी डिजिटल क्रांति से जुड़ने का मौका मिलेगा। शून्य से नीचे के तापमानवाले इन इलाकों में कठोर मौसम से लड़ते हुए 05 महीनों के भीतर 42 मोबाइल टावर लगाये गये हैं, जो कारगिल, सियाचिन, डेमचोक, डीबीओ और गलवान के दूरदराज के इलाकों को कवर करते हैं।
चीन के सीमावर्ती इलाकों के गांव पिछले साल 24 जून तक 4जी मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित थे। इससे स्थानीय समुदाय देश में डिजिटल क्रांति से जुड़ने से वंचित रह गये थे। इसके बाद भारती एयरटेल के साथ मिल कर भारतीय सेना ने भारत के इन गांवों में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने का बीड़ा उठाया। इस पहल से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आॅनलाइन शिक्षा, दूरस्थ गांवों तक स्वास्थ्य सेवा में सुधार किया जा सकेगा। इसके अलावा मौजूदा डिजिटल क्रांति के जरिये सरकारी योजनाओं के माध्यम से आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देकर स्थानीय समुदाय की मदद की जायेगी।

सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को सक्रिय रूप से शामिल किया
सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को सक्रिय रूप से शामिल किया और इन दूरदराज के इलाकों में मोबाइल टावर लगाने में उनकी सहायता की। शून्य से नीचे के तापमान सहित कठोर मौसम से लड़ते हुए 5 महीनों में कुल 42 एयरटेल 4जी मोबाइल टावर लगाये गये हैं, जो कारगिल, सियाचिन, डेमचोक, डीबीओ और गलवान के दूरदराज के इलाकों को कवर करते हैं। इससे लद्दाख में आम लोगों के साथ-साथ सैनिकों को भी बहुत जरूरी कनेक्टिविटी मिलने लगी है। भारतीय सेना 2047 तक विकसित भारत के हमारे राष्ट्रीय दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए सुदूर क्षेत्रों में स्थित प्रथम गांवों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

लद्दाख में मोबाइल टावर लगवाने के लिए अभी भी कई प्रयास किये जा रहे हैं
सेना के मुताबिक लद्दाख में मोबाइल टावर लगवाने के लिए अभी भी कई प्रयास किये जा रहे हैं। सियाचिन ग्लेशियर पर 15,500 फीट की ऊंचाई पर मोबाइल टावर लगाया गया है। इससे सैनिकों और सीमांत वासियों को संचार की सुविधा मिली है। एयरटेल ने कारगिल, सियाचिन, गलवान, डीबीओ और चांगथांग जैसे इलाकों में 17 मोबाइल टावर लगाये हैं। जियो ने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक क्षेत्र में 13,000 फीट की ऊंचाई पर 4जी मोबाइल नेटवर्क शुरू किया है। बीएसएनएल और भारतीय सेना ने लद्दाख और सीमावर्ती क्षेत्रों में 4जी टावर लगाये हैं। इंटरनेट कनेक्शन और 5जी को बढ़ावा देने के लिए लद्दाख में 500 मोबाइल टावर दिये जाने हैं। पैंगोंग झील के पास भी 4जी इंटरनेट की सुविधा पहुंच गयी है।

संचार मंत्री ने लद्दाख में संचार सेवा को बढ़ावा देने के लिए 500 मोबाइल टावर लगाने को मंजूरी दी थी,
दरअसल, मार्च, 2023 में तत्कालीन संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लद्दाख में संचार और 5जी इंटरनेट सेवा को बढ़ावा देने के लिए 500 मोबाइल टावर लगाने को मंजूरी दी थी, ताकि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास लद्दाख के सभी क्षेत्रों को 4जी और 5जी सेवा मिल सके। सरकार ने यह मंजूरी सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की चुनौतियों के अलावा लद्दाख के कई इलाकों में संचार समस्याओं का सामना करने के कारण दी गयी थी। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि चीन ने एलएसी के करीब कई मोबाइल टावर स्थापित किये हैं, लेकिन उन्हें मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

2020 में गलवान में हुई खूनी झड़पों के बाद हुई थी बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती


मई, 2020 में गलवान में हुई खूनी झड़पों के बाद से एलएसी पर चीन के साथ गतिरोध जारी है, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे और कई चीनी सैनिक भी मारे गये थे। इसके बाद भारत ने एलएसी पर चीनी सैनिकों की तैनाती के जवाब में बड़े पैमाने पर सैनिकों को तैनात किया है, लेकिन स्थानीय लोगों और लद्दाख के विभिन्न हिस्सों में तैनात सैनिकों के लिए मोबाइल नेटवर्क बड़ी समस्या बनी रही। इसी को देखते हुए केन्द्र सरकार चीन के सीमावर्ती इलाकों में 4जी मोबाइल टावर लगाने की योजना को तेजी के साथ आगे बढ़ा रही है।

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