Categories


MENU

We Are Social,
Connect With Us:

☀️
–°C
Fetching location…

ओ दुनिया के रखवाले, सुन दर्द भरे मेरे नाले, ..दुनिया तूने बनाई, जा देख लिया हरजाई…

ओ दुनिया के रखवाले, सुन दर्द भरे मेरे नाले, ..दुनिया तूने बनाई, जा देख लिया हरजाई…

Share this:

Mumbai news, Bollywood news : बॉलीवुड के अभिनेताओं पर प्रारंभ से अगर एक नजर डालें तो अपने जमाने के खूबसूरत और लड़कियों के बेहद पसंदीदा अभिनेताओं में भारत भूषण भी शामिल रहे। 50 के दशक के अभिनेताओं में इनका नाम टॉप टेन में शुमार किया जाता है। ऐसी चार्मिंग और अट्रैक्टिव पर्सनैलिटी के उसे समय बहुत कम अभिनेता थे। उत्तर भारत से जाकर बॉलीवुड की दुनिया में नाम कमाना आसान नहीं था, लेकिन उत्तर प्रदेश के मेरठ के इस शख्स में ऐसा करके दिखाया। यही कारण है कि आज से 32 साल पहले जिस अभिनेता ने दुनिया छोड़ दी आज भी उसे हम याद करते हैं। बैजू बावरा फिल्म का वह गीत याद कीजिए- ओ दुनिया के रखवाले सुन दर्द भरे मेरे नाले और भारत भूषण को भी याद कीजिए।

बैजू बावरा आनंद मठ में क्या बेहतरीन अभिनय

याद कीजिए, 50 के दशक में जब हिंदी सिनेमा में राज कपूर, देवानंद और दिलीप कुमार का दौर था, तब भारत भूषण ने अपने लुक्स और बेहतरीन अदाकारी के दम पर अपनी एक अलग पहचान कायम थी। भारत ने ‘बैजू बावरा’, ‘आनंदमठ’, ‘मिर्जा गालिब’ और ‘मुड़ मुड़ के ना देख’ जैसी बेहतरीन फिल्मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया। उन्होंने निर्देशक केदार शर्मा की 1941 में आई फिल्म ‘चित्रलेखा‘ के जरिए अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। यह फिल्म भगवती चरण वर्मा के उपन्यास चित्रलेखा पर इसी नाम से बनी थी।

भीतर से थे बहुत स्वाभिमानी

भारत भूषण के जीवन के बारे में बताया जाता है कि वह भीतर से बहुत स्वाभिमानी थे। दो साल की उम्र में ही भारत की मां गुजर गई थीं। भारत के पिता एक पक्के आर्य समाजी थे। उन्हें बच्चों का फिल्मी देखना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। एक बार पिता से छिपकर होने दोस्तों के साथ फिल्म देखी और जब पिता को मालूम पड़ा तो उन्होंने बेटे की जमकर पिटाई की थी। इसके बाद उन्होंने पिता के साथ नहीं रहने का फैसला किया और अलग रहने लगे। इसी क्रम में उन्होंने शास्त्रीय संगीत सीखा और संगीतकार बनने के लिए मुंबई गए, लेकिन किस्मत ने उन्हें एक अच्छा अभिनेता बना दिया।

Share this:

Latest Updates