Kathmandu news : नेपाल भारत का अच्छा पड़ोसी देश माना जाता है। नेपाल को किसी भी प्रकार की मदद देने में भारत कभी कोताही नहीं करता। लेकिन, इधर के चंद सालों में भारत के प्रति नेपाल का नजरिया बदल गया है। ऐसा समझा जाता है कि इस स्थिति को पैदा करने में चीन का भी रोल है।
नेपाल के नोट पर नक्शा में भारत के इलाके
अपडेट खबर मिल रही है कि नेपाल अपने 100 रुपए के नोट पर अवैध नक्शा छाप रहा है, जिसमें भारत के तीन इलाकों को दर्शाया गया है। उसका दावा है कि ये तीनों इलाके नेपाल के हैं। माना जा रहा है कि 100 रुपए के नोट पर नेपाल की नक्शेबाजी असल में चाइनीज प्लानिंग का हिस्सा है। इस नोट में बने नक्शे में भारत के लिपुलेख, लिपियाधुरा, कालापानी क्षेत्र को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया है। भारत ने पहले भी नेपाल की नक्शेबाजी पर अपना विरोध जताया था। इस बार भी नेपाल को नक्शेबाजी महंगी पड़ सकती है।
नेपाल का नोट छापने का काम कर रही चीन की कंपनी
हैरानी की बात ये है कि नेपाल ने 100 रुपए वाले मूल्यों के नोटों की छपाई का काम चीन की कंपनी चाइना बैंक नोट प्रिटिंग एंड मीटिंग कॉरपोरेशन को सौंपा है। यानी नोट वाली इस साजिश का ब्लू प्रिंट भले ही नेपाल से रिलीज किया गया है, लेकिन इसकी स्क्रिप्ट बीजिंग में लिखी गई है। केंद्रीय बैंक ने कंपनी से 100-100 रुपये के 30 करोड़ नोट की डिजाइनिंग, मुद्रण, आपूर्ति और वितरण का अनुरोध किया है, जिसकी अनुमानित मुद्रण लागत लगभग 89.9 लाख अमेरिकी डॉलर है। नेपाल राष्ट्र बैंक के प्रवक्ता से हालांकि इस संबंध में प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। माना जा रहा है कि चीन के इशारे पर ही नेपाल ने नक्शा 100 रुपए के नोट पर छापा है।