Mumbai news, Bollywood news : 80 के दशक में मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के शो मैन सुभाष घई ने हीरो फिल्म बनाई थी। इसमें हीरो और हीरोइन दोनों पहली बार सिल्वर स्क्रीन पर दिखे थे। हीरो थे जैकी श्रॉफ और हीरोइन थीं मीनाक्षी शेषाद्रि। 16 दिसंबर 1983 को यह फिल्म रिलीज हुई थी और 1981 में मीनाक्षी मिस इंडिया बनी थीं। इस फिल्म का हीरो कैरेक्टर में भी जैकी दादा नाम से ही दिखाया गया है। वह एक गुंडा रहता है, लेकिन अंतत उसका चरित्र उज्जवल हो जाता है। हीरोइन का नाम रहता है राधा। इस फिल्म में एक गीत है- राधा- तू मेरा जानू है, मैं तेरी दिलबर, मेरी प्रेम कहानी का तू हीरो है, जैकी- प्रेम ग्रंथ के पन्नों पर अपनी तकदीर तो जीरो है। स्क्रीन पर प्रेम ग्रंथ के पन्नों पर जिस हीरो की तकदीर जीरो थी, वास्तव में वह एक्टिंग के सिल्वर स्क्रीन पर पहली ही फिल्म आने के बाद ही छा गया। इस फिल्म से जैकी श्रॉफ ने लाखों करोड़ों फैन्स को अपना दीवाना बना दिया था। आपको जानकारियां आश्चर्य हो सकता है कि आज वह 200 करोड रुपये के मालिक है।
68 बसंत देखने के बाद भी तरो-ताजा
पहली फिल्म के बाद जैकी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। लेकिन, इसके पहले बहुत संघर्ष किया। कहा जाता है कि उन्हें अपनी जिंदगी में मूंगफली भी बेचनी पड़ी थी। आज वह अपने जीवन के 68 बसंत देख चुके हैं लेकिन एक्टिंग की दुनिया में उनका परफॉर्मेंस आज भी याद किया जाता है। आज उनके बेटे टाइगर श्रॉफ ने भी फिल्मी दुनिया में अपनी कई फिल्म में अच्छी एक्टिंग कर अलग मुकाम हासिल किया है।
ज्योतिषी थे उनके पिता
कहा जाता है कि जैकी श्रॉफ की फिल्मों में एंट्री का किस्सा भी बेहद दिलचस्प है। जैकी को एक शख्स ने बस स्टॉप पर देखा तो मॉडलिंग करने का सुझाव दिया था। इसके बाद जैकी मॉडलिंग एजेंसी में काम मांगने गए तो चुन लिए गए और फिर धीरे-धीरे बॉलीवुड के हीरो बन गए। जैकी अपनी फैमिली के साथ मुंबई की एक चॉल में रहते थे। जैकी के पिता एक ज्योतिष थे। उनका भाई अकेला परिवार में नौकरी करता था। जैकी के सामने ही समुद्र में डूबकर उनके भाई की मौत हो गई थी। उस वक्त जैकी महज 10 साल के थे। इसके बाद ही उनके जीवन में परिवर्तन आया और उन्होंने पहले मॉडलिंग की दुनिया में काम किया। फिर सुभाष गई की फिल्म हीरो से फिल्मी दुनिया में उनका पदार्पण हुआ।