Palampur News: पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने देश में ‘एक देश, एक चुनाव’ की वकालत करते हुए कहा कि पंचायत से लेकर संसद तक के सभी चुनाव पांच साल में एक बार होने चाहिए। इससे देश का अमूल्य समय और संसाधन बचेंगे, जो विकास कार्यों और बुनियादी समस्याओं के समाधान में लगाया जा सकेगा।
शांता कुमार ने शनिवार को एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए अनुच्छेद 370 की समाप्ति, 500 वर्षों बाद भव्य राम मंदिर निर्माण और कुम्भ मेले की सफलता जैसे असम्भव कार्यों को पूरा किया है। अब “एक देश, एक चुनाव” उनकी अगली ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
शांता कुमार ने कहा कि विश्व के किसी भी देश में हर साल चुनाव नहीं होते, लेकिन भारत में लगातार किसी न किसी राज्य में चुनावी प्रक्रिया चलती रहती है। इससे राजनीति केवल चुनावों में उलझी रहती है और देश के विकास को प्राथमिकता देने का समय नहीं मिल पाता। उन्होंने यह भी कहा कि बार-बार होनेवाले चुनावों से धन की भारी बर्बादी होती है। वर्तमान में चुनाव काले धन के प्रभाव में लड़े जाते हैं, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। यदि पूरे देश में एक साथ चुनाव हों, तो करोड़ों रुपये की बचत होगी, जिसे गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
शांता कुमार ने याद दिलाया कि 1952 से 1962 तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होते थे। उन्होंने विश्वास जताया कि देश की जनता इस ऐतिहासिक कदम में सरकार का साथ देगी और प्रधानमंत्री मोदी का यह योगदान भारत के लोकतंत्र को नयी दिशा देगा।
एक देश, एक चुनाव’ से समय और धन की बचत होगी : शांता कुमार

Share this:
Share this:

