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भाजपा नेता अनिल टाइगर की हत्या को लेकर विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही स्थगित

भाजपा नेता अनिल टाइगर की हत्या को लेकर विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही स्थगित

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Ranchi news : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 20वें दिन गुरुवार को भाजपा नेता एवं पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल टाइगर की हत्या का मामला सदन में गूंजा। इसके चलते जोरदार हंगामा हुआ और कार्यवाही 12:55 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही भाजपा विधायकों ने राज्य में बिगड़ती विधि-व्यवस्था के खिलाफ धरना दिया। विपक्षी विधायकों ने कानून व्यवस्था सुधारने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो के सदन में आसन ग्रहण करते ही भाजपा के सीपी सिंह ने अनिल टाइगर की हत्या का मामला उठाया। राज्य के नगर विकास मंत्री सुदीव्य कुमार सोनू ने कहा कि क्या कारण है कि हजारीबाग आज एपिक सेंटर बना हुआ है। उन्होंने कहा कुछ लोग कानून व्यवस्था खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। हत्या की घटना दुखद है।

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बुधवार को कांके थाना से महज 100-125 मीटर की दूरी पर हत्या हो जाती है। उन्होंने कहा कि पुलिस हत्या के बाद उनका चरित्र हनन में लगी है। अनिल टाइगर का लातेहार-कुड़ू से तार जोड़ा जा रहा है। मैंने अपनी ओर से इसकी पूरी जानकारी ली, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। रांची के पुलिस कप्तान सुनियोजित तरीके से मामले को कमजोर कर रहे हैं। ऐसे में लॉ एंड आॅर्ड कैसे कंट्रोल हो सकता है। थाना को वसूली के लिए टारगेट दिया गया है। अपराधी को जनता ने पकड़ा। पुलिस तमगा लेने के लिए कह रही है कि उन्होंने अपराधी को पकड़ा। लॉ एंड आॅर्डर पर चर्चा होनी चाहिए।

संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि सत्ता पक्ष, विपक्ष सहित राज्य की पूरी जनता ऐसी घटना को लेकर मर्माहत है। सरकार इसे दलीय आधार पर नहीं देखती। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा। कठोर से कठोर कार्रवाई होगी। यह कांड मर्माहत करनेवाला है। विपक्ष का आरोप लगाना कि विधि-व्यवस्था खराब है, तो इतना कहता हूं कि इससे पहले राज्य में बेहतर विधि-व्यवस्था नहीं रही है।

इसी दौरान भाजपा के सदस्य सदन के बीच में आ गये और हंगामा करने लगे। बाद में सत्ता पक्ष के कई मंत्री और विधायक सदन के बीच में आकर भाजपा के खिलाफ बोलने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को व्यवस्थित करने का हर सम्भव प्रयास किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। बाद में विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12 बज कर 55 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। 27 मार्च को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का अंतिम दिन था।

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