Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

राज्य में लाह को कृषि का दर्जा दे चुकी है हमारी सरकार :  हेमन्त सोरेन

राज्य में लाह को कृषि का दर्जा दे चुकी है हमारी सरकार :  हेमन्त सोरेन

Share this:

• • मुख्यमंत्री ने किसानों को बिचौलियों से निजात दिलाने पर दिया जोर

 • “लखपति दीदी” नहीं, “करोड़पति दीदी” बनाने का हो प्रयास

Ranchi News : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपने सम्बोधन में कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का रांची आगमन हम सभी के लिए गौरव की बात है। वह 06 वर्षों तक झारखंड की राज्यपाल रहीं। इस दौरान उनका मार्गदर्शन हमेशा इस राज्य को मिलता रहा है। आज राष्ट्रपति के पद पर रह कर भी झारखंड से उनका गहरा लगाव है।

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का लें संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस भौतिकवादी युग में किसानों को कृषि से जोड़े रखना, किसानों की आय में बढ़ोतरी, उन्हें वैकल्पिक खेती के साथ पशुपालन को बढ़ावा और प्रोत्साहन देने के लिए मजबूती से कदम उठाने की जरूरत है। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का हम संकल्प लें।

मेहनतकश किसानों के हालात से हम सभी वाकिफ हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के प्रति संवेदनाएं हमारे लिए शुरू से ही सर्वोपरि रही हैं। वैसे तो किसानों के लिए कई बड़ी-बड़ी बातें होती हैं। कागजों में भी आंकड़े अच्छे दिखाये जाते हैं। लेकिन, मेहनतकश किसान खेतों में कितनी जद्दोजेहद करते हैं, उसे ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर देखा जा सकता है। किसानों के हालात कैसे बदलें, इस दिशा में गम्भीरता के साथ विचार करने की आवश्यकता है। 

खेतिहर मजदूर बनते जा रहे हैं किसान

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि उच्चतर संस्करण संस्थान, नामकुम रांची का सौ वर्ष हो रहा है। इन वर्षों में हालात कुछ ऐसे हुए कि बड़े पैमाने पर किसान खेतिहर मजदूर बनते चले गये। किसानों को खेतिहर मजदूर बनने से बचाने की आज आवश्यकता है। इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार को गम्भीरता से विचार करने की जरूरत है, ताकि किसानों के हित में बेहतर नीति निर्धारण के साथ कार्य हो सके।

किसानों को लाह की खेती से जोड़ने पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का 50 से 55 प्रतिशत लाह उत्पादन करता है। लेकिन, पहले हम 70 प्रतिशत लाह का उत्पादन करते थे। आज इस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। बस, इसके लिए किसानों को लाह की खेती से जोड़ने के लिए प्रोत्साहन और सुविधा उपलब्ध हो। इस कड़ी में हमारी सरकार लाह को कृषि का दर्जा दे चुकी है, ताकि लाह का उत्पादन, अनुसंधान, प्रसंस्करण, उचित मूल्य और बाजार उपलब्ध हो सके।

लखपति क्यों, करोड़पति बन सकती हैं दीदियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दीदियों को “लखपति दीदी” बनाने की बात हो रही है। लेकिन, मेरा कहना है कि “लखपति दीदी” क्यों ? वे “करोड़पति दीदी” क्यों नहीं बन सकती हैं। दीदियों में “करोड़पति दीदी” बनने की पूरी क्षमता और सामर्थ्य है। सिर्फ इसके लिए बेहतर नीति निर्धारण की जरूरत है।

किसानों को बिचौलियों से बचाना है

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का खेती से बाजार तक का जो सफर है, उसमें बिचौलियों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। लेकिन, दुर्भाग्य से देश में बिचौलियों एक ऐसी शक्तिशाली जमात है, जो किसानों की मेहनत और गाढ़ी कमाई का एक बड़ा हिस्सा अपनी जेब में ले जाती है। किसानों को सशक्त बनाने के लिए उन्हें बिचौलियों से हर हाल में निजात दिलानी होगी।

किसानों को वैकल्पिक खेती से जोड़ने की हो रही पहल

मुख्यमंत्री ने कहा आज पर्यावरण में बदलाव की वजह से मौसम में भी काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। कभी कम बारिश होती है, तो कभी ज्यादा तो कभी सुखाड़ की स्थिति पैदा हो जाती है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित किसान होते हैं। उनकी परम्परागत खेती पर इसका सीधा असर दिखाता है । ऐसे में किसानों को आज वैकल्पिक खेती के लिए राज्य सरकार लगातार प्रोत्साहित कर रही है। इस दिशा में हमारी सरकार लगातार कार्य करती आ रही है, ताकि किसानों को हम आगे ले जा सकें।

शताब्दी समारोह में आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक, आईसीएआर के उप महानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) श्री श्याम नारायण झा एवं राष्ट्रीय कृषि उच्चतर संस्करण संस्थान, रांची के निदेशक डॉ. अभिजीत कर, एवं कई वरीय अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।

Share this: