सोशल मीडिया पर चल रहीं इस्लामाबाद में सैकड़ों लोगों के मारे जाने की खबरें
Islamabad news : पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर इस्लामाबाद में जुटे लाखों इमरान समर्थकों व पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं को राजधानी से जबरन हटाने के लिए पाकिस्तानी फौज ने जुल्म और दमन की सारी हदें पार कर दीं। बताया जा रहा है कि इमरान समर्थकों को खदेड़ने के लिए पाकिस्तानी फौज ने सैकड़ों लोगों को गोलियों से भून दिया और उनकी लाशें तक गायब कर दीं। साथ ही हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
फौज द्वारा नियंत्रित होती है मीडिया
फौज द्वारा नियंत्रित पाकिस्तानी मीडिया में तो इस बाबत किसी खबर और चर्चा का सवाल ही नहीं उठता, लेकिन पाकिस्तान में सोशल मीडिया ऐसी खबरों से भरा पड़ा है जिनमें इमरान समर्थकों पर की गयी सेना की कार्रवाई को कत्लेआम कहा जा रहा है और इस नरसंहार की तुलना 80 के दशक में चीन की राजधानी बीजिंग में थ्येन आनमन चौक पर जुटे लाखों छात्र आंदोलनकारियों को कुचलने की घटना से की जा रही है।
जब आंदोलनकारियों का दमन करने के लिए चीनी सेना ने टैंक भी उतार दिये थे
उस घटना में आंदोलनकारियों का दमन करने के लिए चीनी सेना ने टैंक भी उतार दिये थे। कहा जाता है कि चीनी सेना ने हजारों छात्रों को गोलीबारी और टैंकों से कुचल कर मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि थ्येन आनमन चौक पर हुए नरसंहार में मृतकों के आंकड़े कभी सामने नहीं आ सके क्योंकि एक्शन से पहले ही चीन ने सभी विदेशी पत्रकारों को देश से बाहर निकाल दिया था। लेकिन इस्लामाबाद में पाकिस्तानी फौज की कार्रवाई को लेकर वहां व्यापक और गहरा आक्रोश फैल रहा है और आम जनता की इस नाराजगी का इजहार पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है क्योंकि अनेक सोशल मीडिया एक्टिविस्ट और पत्रकार मौके पर मौजूद थे और वह डी चौक पर 25 नवम्बर की रात में हुए घटनाक्रम के चश्मदीद हैं।
इस्लामाबाद में हुए कत्लेआम में 500 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की बात कही जा रही
सोशल मीडिया पर इस्लामाबाद में हुए कत्लेआम में 500 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की बात कही जा रही है। खुद इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के कई नेता कह रहे है कि उनके कम से कम 278 लोग मारे गये हैं और दर्जनों अभी लापता हैं। गौरतलब है कि इमरान खान की बेगम बुशरा बीवी की अगुआई में इस्लामाबाद में डी चौक पर जुटे लाखों इमरान समर्थकों से निपटने के लिए पाकिस्तानी सरकार ने सेना को तैनात किया था और उसे पीटीआई के आंदोलनकारियों को कुचलने के लिए देखते ही गोली मारने के आदेश दिये गये थे। पाकिस्तानी फौज ने इसका फायदा उठाते हुए आंदोलनकारियों पर सीधे अंधाधुंध फायरिंग की जिसमें बताया जाता है कि सैकड़ों लोगों की जान चली गयी। फौज का यह रौद्र रूप और भीषण दमनचक्र देख इमरान खान की जादू-टोना करने वाली बेगम बुशरा बीवी और पीटीआई द्वारा शासित खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर अपने समर्थकों को पाकिस्तानी फौज के रहम-ओ-करम पर छोड़ रात में ही इस्लामाबाद से भाग खड़े हुए थे। अब देखना होगा कि इस्लामाबाद में पाकिस्तानी फौज की करतूत की हकीकत कभी सामने आ पाती है या फौज इसे दफनाने में कामयाब होगी ?