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पाकिस्तान अपने सेवानिवृत्त सैनिकों को आतंकवादियों के रूप में भेज रहा है जम्मू-कश्मीर : सेना कमांडर

पाकिस्तान अपने सेवानिवृत्त सैनिकों को आतंकवादियों के रूप में भेज रहा है जम्मू-कश्मीर : सेना कमांडर

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आतंकवादियों का सफाया करने के लिए राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों में अभियान तेज, राजौरी मुठभेड़ में दो आतंकवादियों का मारा जाना पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका

Pakistan is sending its retired soldiers as terrorists to Jammu and Kashmir, Army Commander, National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news : उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी रैंकों में अपने देश के सेवानिवृत्त सैनिकों को धकेलने का प्रयास कर रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि एक साल के भीतर दो दर्जन से अधिक विदेशी आतंकवादियों का सफाया करने के लिए राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों में अभियान तेज कर दिया गया है।

सेना कमांडर ने बुधवार और गुरुवार को राजौरी जिले के धर्मसाल बेल्ट के बाजीमल इलाके में मुठभेड़ के दौरान बलिदान हुए दो कैप्टन सहित पांच सैन्य कर्मियों को श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों के सामने कहा कि मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने अफगानिस्तान में प्रशिक्षित पाकिस्तान स्थित शीर्ष लश्कर कमांडर कारी सहित दो आतंकवादियों को मार गिराया। उन्होंने कहा कि दो खूंखार विदेशी आतंकवादियों का मारा जाना क्षेत्र को अस्थिर करने की पाकिस्तान की योजना के लिए एक बड़ा झटका है।

ऐसे हुई पहचान

आतंकवादियों के बीच पाकिस्तान के कुछ विशेष बलों के कर्मियों की मौजूदगी के बारे में लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि जब हमने आतंकवादियों की पहचान करने की कोशिश की, तो हमें पता चला कि उनमें से कुछ पाकिस्तान सेना के सेवानिवृत्त कर्मी हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस क्षेत्र में आतंकवादियों को धकेलने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशी आतंकवादियों को ढेर करने के लिए हमारे प्रयास जारी हैं। पीर पंजाल के दक्षिण में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या पर उन्होंने कहा कि राजौरी-पुंछ बेल्ट में आतंकवादियों की संख्या में उतार-चढ़ाव होता है, क्योंकि यह क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि मोटे तौर पर इलाके में 20 से 25 आतंकवादियों के सक्रिय होने की सम्भावना है, लेकिन सेना, पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों ने अपना अभियान तेज कर दिया है। हमें यकीन है कि हम एक साल के भीतर स्थिति को नियंत्रित कर लेंगे।

खूंखार आतंकवादियों को मारना बड़ी उपलब्धि

उन्होंने कहा कि राजौरी मुठभेड़ में दो खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया गया और यह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्हें खत्म करना बहुत महत्त्वपूर्ण था, क्योंकि वे राजौरी शहर के ढांगरी और टीसीपी में 10 नागरिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार थे। इसके अलावा कंडी में सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश भी इन्हीं आतंकवादियों ने रची थी, जिसमें पांच सैन्यकर्मियों की जान चली गयी थी। सेना कमांडर ने कहा कि वे उच्च प्रशिक्षित विदेशी आतंकवादी थे और हमारे बहादुर सैनिकों ने उन्हें मार गिरा कर प्रशंसनीय काम किया है।

इन्होंने अर्पित की श्रद्धांजलि

इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन, पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून और व्यवस्था विजय कुमार और जम्मू जोन के पुलिस महानिरीक्षक आनंद जैन ने बाजीमल मुठभेड़ में बलिदान हुए सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित की।

उपराज्यपाल ने पुष्पांजलि समारोह के बाद कहा, “मैं राजौरी में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हुए सेना के बहादुर कैप्टन एमवी प्रांजल, कैप्टन शुभम गुप्ता, हवलदार अब्दुल माजिद, लांस नायक संजय बिष्ट, पैराट्रूपर सचिन लौर को नमन करता हूं। उनकी वीरता और बलिदान को कभी नहीं भुलाया जायेगा। उनके परिवारों के प्रति मैं संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।”

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