पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान भारत-पाकिस्तान सीमा पर रोका गया था मोदी का काफिला, फिरोजपुर में फ्लाईओवर से वापस गये थे प्रधानमंत्री मोदी
National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news, Chandigarh news : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में गृह मंत्रालय ने फिरोजपुर (पंजाब) जिले के तत्कालीन एसपी गुरबिंदर सिंह को निलम्बित कर दिया है। वह इस समय पंजाब के बठिंडा में तैनात हैं। यह कार्रवाई पुलिस महानिदेशक द्वारा की गयी जांच के आधार पर हुई है। पुलिस महानिदेशक ने बीते 18 अक्टूबर को गृह मंत्रालय को भेजी गयी रिपोर्ट में कहा था कि प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान उक्त एसपी ने अपनी डयूटी सही तरीके से नहीं निभायी।
पंजाब में विधानसभा के चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 05 जनवरी, 2022 को बठिंडा पहुंचे थे। यहां से सड़क मार्ग के जरिये प्रधानमंत्री फिरोजपुर जा रहे थे। रास्ते में किसानों ने जाम लगा दिया। उसके बाद फिरोजपुर में प्यारेआला फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री का काफिला 20 मिनट तक रुका रहा। यह फ्लाई ओवर भारत-पाकिस्तान हुसैनीवाला बार्डर से कुछ दूरी पर है। 20 मिनट तक इंतजार करने के बाद प्रधानमंत्री को लौटना पड़ा। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान एसपी गुरबिंदर सिंह के पास सुरक्षा की जिम्मेदारी थी।
मुख्य सचिव और डीजीपी को भी आरोपित बनाया था
फिरोजपुर में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में अनदेखी को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी और डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को भी आरोपित करार दिया गया था। कमेटी ने यह रिपोर्ट आठ महीने पहले अगस्त 2022 में सुप्रीम कोर्ट और सरकार को सौंपी थी। इस रिपोर्ट के आधार पर केन्द्र ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सितम्बर 2022 में पंजाब सरकार को पत्र लिखा था। छह महीने बीत जाने के बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
एसएसपी हरमनदीप हंस को जिम्मेदार ठहराया गया था
पहले इस पूरी घटना के लिए एसएसपी हरमनदीप हंस को जिम्मेदार ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी कमेटी की रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्य सचिव और डीजीपी की लापरवाही सामने आयी। कहा गया कि अधिकारियों के पास जो भी जिम्मेदारी थी, वे उसका ठीक से निर्वहन नहीं कर पाये। गुरबिंदर सिंह इस समय बठिंडा में तैनात हैं। सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार निलम्बन के दौरान उनका मुख्य कार्यालय डीजीपी ऑफिस चंडीगढ़ होगा। बिना अनुमति प्राप्त किये वह अपना मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे। बठिंडा से रिलीव कर उन्हें तुरंत डीजीपी कार्यालय आने के लिए कहा गया है।